बन्दूक से निकली गोली के रफ़्तार से चलेगा आपका इंटरनेट
फोन और कंप्यूटर में 3जी और 4जी चलाने वाले यूजर अब बेसब्री से 5जी के इंतजार में हैं. जानते हैं 5जी आखिर क्या है और ये आपकी जिंदगी कैसे बदल देगी.
सामान्य और बहुत कम शब्दों में कहें तो 5जी के बाद आपके मोबाइल फोन में इंटरनेट 100 गुना ज्यादा तेजी से चलने लगेगा. इतना ही नहीं रियल टाइम में डाटा ट्रांसफर भी संभव हो सकेगा. 5जी से मतलब है फिफ्थ जेनरेशन मोबाइल नेटवर्क, जो 2010 में आए 4जी के बाद आया है. इसे एलटीई भी कहा जाता है.
आज भी ऐसे कई देश हैं जहां 4जी, 3जी जैसी तकनीक भी नहीं पहुंची हैं. वहीं कुछ ऐसे देश भी हैं जहां आज 3जी तकनीकी क्षेत्र का एक मजबूत स्तंभ है. वहीं कुछ ऐसे विकासशाल क्षेत्र भी हैं जहां 2जी अब भी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है. 2018 में दक्षिण कोरिया में हुए शीतकालीन ओलंपिक को देखने पहुंचे लोगों ने 5जी का इस्तेमाल करने की कोशिश की थी. लोगों ने रियल टाइम में वीडियो लेने की कोशिश की, लेकिन 4जी फोन पर 5जी को इस्तेमाल करना और फिर बफरिंग में फंसे रहना एक बड़ी समस्या बना रहा.
कब मिलेगा 5जी
मार्च 2019 तक दक्षिण कोरिया 5जी का इस्तेमाल पूरे देश में शुरू कर देगा. तीन बड़े टेलीकॉम ऑपरेटर इस सेवा को लॉन्च करने के लिए दक्षिण कोरिया में दिन-रात काम कर रहे हैं. उस वक्त तक शायद जर्मनी मोबाइल फोन ऑपरेटरों को ये फ्रीक्वन्सी बेचना शुरू कर देगा. द यूनाइटेड स्टेट्स फेडरल कम्युनिकेशन कमीशन (एफसीसी) जल्द ही इस 5जी तकनीक को बेचना शुरू कर देगा. दक्षिण कोरिया के बाद चीन और जापान 5जी की रेस में सबसे आगे हैं.
किन क्षेत्रों में फायदा
5जी दो बड़े फायदों के साथ आएगा. पहला डाउनलोड स्पीड और दूसरा डाटा ट्रांसफर. इसमें डाउनलोडिंग की स्पीड 10 गीगाबाइट प्रति सेकंड हो जाएगी, मतलब आप 5जीबी की पूरी की पूरी डीवीडी आधे सेकंड में डाउनलोड कर पाएंगे. इसके बाद अगर आप 4k वीडियो क्वालिटी चाहते हैं तो उसे भी आप 10 सेकंड में प्राप्त कर सकते हैं.
4के एक हाई रिजॉल्यूशन डिजिटल फॉर्मेट है जिसका इस्तेमाल कॉमर्शियल डिजिटल सिनेमा में किया जाता है. इतना ही नहीं 5जी में वाईफाई की स्पीड भी आपको हैरान कर सकती है. वही डाटा ट्रांसफर जो फिलहाल लंबा वक्त ले लेता है वह भी एक सेंकड से कम में पूरा हो जाएगा. तेजी से डाटा ट्रांसफर होना नई तकनीकों मसलन ऑटोनॉमस ड्राइविंग, टेलिमेडिसिन के लिए संभावनाओं का बाजार और भी खोल सकता है.
टेलीकॉम कंपनियों के अलावा कई और कारोबारों में यह तकनीक मददगार साबित हो सकती है. ऑटो निर्माता और कार क्षेत्र से जुड़ी कंपनियां भी इस हाईस्पीड इंटरनेट तकनीक पर हाथ आजमाने को तैयार हैं. कार निर्माताओं की नजर से देखे तो अगर स्मार्ट ऑटोनॉमस गाड़ियां स्वयं ही ट्रैफिक जाम और रास्तों की भीड़भाड़ की जानकारी दें, तो कंपनियों को इससे बहुत फायदा होगा. निर्माता मशीन के साथ तालमेल बैठाकर इस तकनीक के जरिए बेहतर से बेहतर नतीजे प्राप्त करना चाहते हैं. लॉजिटिक सेक्टर के लिए भी यह किसी बड़ी मदद से कम नहीं होगा.