कार्तिक पूर्णिमा की शाम ये तीन उपाय बदल देंगे आपकी जिंदगी
इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 23 नवंबर को मनाई जा रही है. इस दिन दीपदान,स्नान,भजन,आरती,दान आदि का विशेष महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि कार्तिक महीने में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की शास्त्र सम्मत विधि से पूजन करने से गरीबी दूर होती है और समृद्धि आती है. इसलिए इस दिन विशेष पूजा पाठ, भजन,कीर्तन ,दान आदि का प्रावधान है. कार्तिक महीने में दीपक का विशेष महत्व है. दीपक रोशनी का प्रतीक है जिससे अंधकार दूर होता है. इसलिए इस दिन बनारस में देव दीपवली, दीवाली के ठीक 15 दिन बाद मनाई जाती है. इसीलिये पूरे कार्तिक महीने में दीपक के प्रकाश, जप, दान व स्नान का विशेष महत्व रहता है. ऐसा करने से जातक पर लक्ष्मी नारायण की कृपा होती है. इसलिए अगर आप कार्तिक महीने में कोई उपाय नहीं कर पाए हो तो 23 नवंबर को यह उपाय जरूर कर लें.
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक दीपक प्रज्वलित करने के बाद पूजन करने से मां लक्ष्मी और सभी देवता आशीर्वाद देते हैं. इस तुलसी का चौरा, गंगा नदी में और मंदिर में दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है. यह भी कहा जाता है कि शाम और सुबह सूर्य के अभाव में जहां दीपक का प्रकाश होता है वहीं देवताओं का वास होता है यानी देवता वहां विराजमान होते हैं. इसलिए इस शुभ दीप घड़ी को अपने कल्याण के लिए जरूर इस्तेमाल करना चाहिए. आप हर प्रकार की समृद्धि हासिल करने के लिए इन तीन उपायों को कर सकते हैं.
पहला उपाय
कार्तिक पूर्णिमा के दिन आप गंगा नदी में स्नान करने के बाद 11 दीपों का दान करें. इसे आपको शाम में करना है. फिर आप नदी किनारे स्थित किसी मंदिर में पूजा अर्चना कर घर लौट जाएं. घर जाकर आप मां तुलसी के गमले ,पूजा मंदिर में घी का दीया जला दें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी की आपपर कृपा होगी. आप चाहे तो इस दिन घर पर कनकधारा स्त्रोत का भी पाठ कर सकते हैं.
दूसरा उपाय
इस दिन आप अपने घर के किसी मंदिर में जाकर अपने अराध्य की पूजा करें. उसके बाद मंदिर में अपने अराध्य को मंत्रोच्चार करते हुए दीप दिखाएं. मंदिर के बाहर एक दीप पीपल के पेड़ के पास जला दें. फिर वहां अगर कोई गरीब या जरुरतमंद है तो उसे पैसे,अनाज या अपनी यथाशक्ति वस्तुओं का दान कर दें. ऐसा करने से आपके घर की आर्थिक उन्नति होगी और आप जीवन में काफी तरक्की करेंगे.
तीसरा उपाय
इसे आप घर पर कर सकते हैं. आपको घी या सरसों के 11 दीपक जलाने हैं. पहले मिट्टी के दीये को मां तुलसी के पास ऊं तुलसीभ्य: नम: मंत्र का उच्चारण करते हुए रख दें. एक दीयें को आप घर के दरवाजें के बाहर रखें. अब बाकी बचे 9 दीयों को आप मंदिर में रख दें. इसके बाद आप अपने अराध्य की उपासना करने के साथ विष्णु सहस्रनाम और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें. ऐसा करने से आपका भाग्य समृद्ध होगा और आपके घर में लक्ष्मी की कमी नहीं रहेगी.