किस महिला ने शुरू किया था मी टू मूवमेंट
इन दिनों चाहे जो भी न्यूज चैनल या वेबसाईट खोलिए हर जगह आपको ‘मी टू’ मूवमेंट की चर्चा देखने को मिल जायेगी. इस शब्द के जरिये दुनिया भर की महिलायें सोशल मीडिया पर अपने साथ हुए यौन अत्याचारों पर खुलकर बिना किसी डर के बोल रही हैं. क्या आप जानते हैं कि यह शब्द ‘मी टू’ आखिर आया कहाँ से और इसके पीछे की कहानी क्या है. ‘मी टू’ मूवमेंट की शुरुआत अमेरिकी की मशहूर महिला सोशल एक्टिविस्ट तराना बुर्के ने 2006 में यौन शोषण पीडिताओं की मदद के लिए की थी. उन्होंने इसका इस्तेमाल वंचित समुदाय की महिलाओं की मदद के लिए किया और ‘सहानुभूति के माध्यम से सशक्तिकरण’ नाम से एक अभियान की शुरुआत की. मी टू शब्द की शुरुआत के पीछे की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. दरअसल 1997 में एक 13 वर्षीय पीडिता से बात करते समय उन्होंने कहा था ‘मी टू’ यानी मेरे साथ भी ऐसा हुआ था. लेकिन इसको चर्चा पिछले साल मिली जब ऐक्ट्रेस एलिसा मिलानो ने ‘मी टू’ ट्विट कर यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाई थी. मी टू नाम से एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी बनायीं जा चुकी है जिसमें 13 साल की एक बच्ची ने बताया है कि कैसे वह यौन हिंसा की शिकार हुई.
ये सच है कि अधिकाँश महिलायें जीवन में कभी न कभी यौन हिंसा की शिकार होती हैं लेकिन वे कभी इसके खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत नहीं जुटा पाती हैं. खुद तराना बुर्के भी यौन हिंसा की शिकार रह चुकी हैं. जब वे 6 साल की थीं तभी पड़ोस में रहने वाले एक लड़के ने उनके साथ बलात्कार किया. बाद में कई सालों तक वह उनका यौन शोषण करता रहा. इसके बाद उन्होंने सोच लिया कि जैसा उनके साथ हुआ है वह दूसरी महिलाओं के साथ नहीं होने देंगी और उनके हक के लिए आवाज उठाएंगी.
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