आज से शुरू हो रहा है ओणम का त्योहार
ओणम केरल का प्रमुख त्योहार है। राजा महाबली के स्वागत में प्रति वर्ष इस त्योहार को मनाया जाता है। दस दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में राजा महाबली के स्वागत में प्रत्येक घर को फूलों और सुंदर रंगोली से सजाया जाता है। यह त्योहार हर साल श्रावण शुक्ल की त्रयोदशी को मनाया जाता है। यह त्योहार हस्त नक्षत्र से शुरू होकर श्रवण नक्षत्र तक चलता है।
मान्यता है कि राजा महाबली ने ओणम के दिन ही भगवान विष्णु से अपनी प्रजा से वर्ष में एक बार मिलने की अनुमति मांगी थी। इसलिए माना जाता है कि ओणम पर स्वयं राजा महाबली धरती पर उतरते हैं और अपनी प्रजा से मिलने आते हैं। यह भी कहा जाता है कि जब भगवान परशुराम ने सारी पृथ्वी को क्षत्रियों से जीत कर ब्राह्मणों को दान कर दिया, तब उनके पास अपने रहने के लिए कोई स्थान नहीं रहा। तब उन्होंने वरुण देवता की तपस्या की। वरुण देवता ने दर्शन दिए और कहा कि जहां तक तुम्हारा फरसा समुद्र में गिरेगा, वहीं तक समुद्र का जल सूखकर पृथ्वी बन जाएगी। वह सब पृथ्वी तुम्हारी होगी और उसका नाम परशु क्षेत्र होगा। भगवान परशुराम ने वैसा ही किया और जो भूमि समुद्र से मिली, उसी को वर्तमान में केरल कहा जाता है।
भगवान परशुराम ने इस भूमि पर भगवान विष्णु का मंदिर बनवाया। जिस दिन भगवान परशुराम ने मंदिर में मूर्ति स्थापित की, उस दिन श्रावण शुक्ल की त्रयोदशी थी। इसके उपलक्ष्य में ओणम का त्योहार मनाया जाता है। ओणम ऐसा त्योहार है जो सभी घरों को खुशहाली से भर देता है। इस त्योहार की विशेषता है कि इस पर्व पर लोग मंदिरों में पूजा-अर्चना नहीं करते, घर में ही पूजा करते हैं। इस त्योहार को अच्छी फसल के लिए भी मनाया जाता है।