भारत और पाकिस्तान की सीमा रेखा को क्यों कहा जाता है रेडक्लिफ लाइन

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भारत पाकिस्तान की सीमा रेखा का नाम रेडक्लिफ लाइन ब्रिटिश वकील सर सिरिल रेडक्लिफ से प्रेरित है. इन्होने ने ही इन दोनों देशों के बीच सीमा रेखा का निर्धारण किया था. इस सीमा रेखा की अधिकारिक घोषणा 17 अगस्त 1947 को की गयी थी. रेडक्लिफ ने कहा था ‘मैंने सीमा रेखा का निर्धारण करते वक़्त लाहौर (पाकिस्तान) पहले भारत को दिया था.’
दरअसल यह कहानी 70 साल पहले की है जब एक शख्स को मुल्क के बंटवारे की जिम्मेदारी दी गयी थी. तय किया गया कि भारत का बंटवारा होगा और एक नया देश पाकिस्तान बनेगा. कौन सा हिस्सा पाकिस्तान में रहेगा और कौन सा हिन्दुतान में इसकी जिम्मेदारी ब्रितानी वकील सिरिल रेडक्लिफ को दी गयी थी. रेडक्लिफ पंजाब के बंटवारे की लकीर खींच चुके थे जिसमें उन्होंने लाहौर भारत के हिस्से में रखा लेकिन आखिरी वक़्त पर लॉर्ड माउंटबेटन ने इसमें हस्तक्षेप करते हुए लाहौर पाकिस्तान को दे दिया हिन्दुस्तान के हिस्से में फिरोजपुर आ गया. आखिरी पल में लकीर बदलने के इस फैसले ने हजारों लोगों की जान ले ली.

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