यहाँ लोग करते हैं बुलेट मोटरबाइक की पूजा

Spread the love

हमारा भारत एक ऐसा देश है जहाँ लोग पेड़-पौधे, मिट्टी, पानी, जानवर से लेकर आकाश, धरती तक की पूजा करते हैं. लेकिन क्या कभी आपने किसी बाइक को देवता की तरह पूजते देखा है?

पाली व रोहट के बीच बाण्डाई गांव के पास स्थित है ओम बन्ना देवल. एक ऐसा स्थान जहां एक बाइक (बुलेट) की पूजा होती है. यहां बने ओम बन्ना देवल पर पाली-जोधपुर मार्ग पर जाने वाला कोई वाहन चालक मत्था टेकना नहीं भूलता है. आज यह स्थान ओम बन्ना देवल के साथ ही बुलेट वाले बन्ना के नाम भी जाना जाता है. अब तो लोग घर में मांगलिक कार्य होने पर यहां धोक लगाने (जात देने) भी आते है. कई मन्नत मांगने तो कई मन्नत पूरी होने का बताकर यहां वर्ष में एक-दो बार नहीं कई बार आने की बात भी कहते हैं. पाली और जोधपुर के साथ आस-पास निवास करने वाले तो अवकाश होते ही ओम बन्ना देवल के दरबार में धोक लगाने पहुंचते हैं.

चोटिला गांव के रहने वाले ओम बन्ना की मृत्यु 1988 में देवल वाली जगह पर ही उगे एक पेड़ से बाइक टकराने के कारण हुई थी. इसके बाद पुलिस ने बाइक को थाने में रख दिया था. लेकिन अगले दिन बाइक पुलिस थाने में अपने आप स्टार्ट हो गई और वापस उसी जगह पहुँच गयी जहाँ एक्सीडेंट हुआ था. पुलिस वापस बाइक को थाणे ले गयी लेकिन हर रोज जब यही होने लगा तो इसे पुत्र की इच्छा मानते हुए ओम बन्ना के पिताजी ने उसी जगह पर बाइक को रखवाने का इंतजाम करवा दिया.
ओम बन्ना देवल पर सुबह सात बजे आरती की जाती है. इसके बाद शाम को भी सात बजे आरती की जाती है. इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते है. आरती व पूजन यूं तो ओम बन्ना के परिजन ही करते है. कई बार उनके नहीं पहुंचने पर एक ब्राह्मण की ओर से आरती की जाती है. आरती करते समय घंटे-घडि़याल के साथ ही ढोल व थाली भी बजाए जाते है. यहां बैठे ढोल वाले ओम बन्ना के भजन गाते है. यहां धूप-दीप करने के लिए भी गांव के ही कुछ लोग लगे हुए है.
ओम बन्ना देवल पर आने वाले अधिकांश श्रद्धालु मन्नत मांगने या मन्नत पूरी होने की बात करते है. सूरज, नागौर क्षेत्र, मध्य प्रदेश से आए श्रद्धालुओं से बात करने पर उन्होंने ओम बन्ना देवल आने के बाद उनकी इच्छा पूरी होने की बात कही. कई लोग अपने मित्रों व विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में ओम बन्ना के बारे में पढक़र देवल पर मत्था टेकने की बात कहते हैं. ओम बन्ना देवल पर आने वाले श्रद्धालुओं से बातचीत में एक ही बात सामने आई कि ओम बन्ना उनकी इच्छा पूरी करते है.

READ  लाखों में बिकते हैं इस 2 साल की बच्ची के बनाये चित्र

कितनी है सच्चाई
एक श्रद्धालु ने बाइक अपने आप देवल पर आने की बात कही, लेकिन इसके बाद नकार दिया. हालांकि यह किवदंती हर कोई बताता है कि ओम बन्ना की मृत्यु के बाद उनकी बाइक अपने आप पुलिस स्टेशन से देवल पर आई थी. एक बुजुर्ग से बात करने पर उनका कहना था कि ओम बन्ना ने उनको उम्मीद से ज्यादा दिया है. इस कारण वे परिवार के साथ यहां आते है. ओम बन्ना के देवलोक गमन होने के समय केरला थाना हुआ करता था. जबकि रोहट में पुलिस चौकी थी. वहां का स्टॉफ तीस वर्ष में बदल चुका है. इसके बावजूद वहां कुछ लोगों को ओम बन्ना के सम्बन्ध में किवदंती पता है, लेकिन उस समय मौजूद नहीं होने के कारण वे स्पष्ट नहीं बताते हैं.
मान्यता है कि यहां पर दिव्य शक्ति है. बहुत से लोग ये भी दावा करते हैं कि उन्होंने ओम बन्ना से मिलती-जुलती आकृति को दुर्घटनास्थल के पास देखा है. लोग कहते हैं कि इस मार्ग पर अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती थीं लेकिन पिछले कुछ सालों में इसमें काफी कमी आर्इ है. बुलेट बाबा के मंदिर में दूर-दूर से श्रद्घालु आते हैं और मनौतियां मांगते हैं. ओम बन्ना की एनफील्ड बुलेट को एक शीशे के आवरण में आज भी मंदिर में रखा गया है, जो लोगों की आस्था का केन्द्र है.

ब्रह्म मुहूर्त में जागते थे श्रीराम, जानें फायदे ( Brahma muhurta ke Fayde) , देखें यह वीडियो


हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें।

Spread the love
© Word To Word 2021 | Powered by Janta Web Solutions ®
%d bloggers like this:
Secured By miniOrange