क्या आपने कराया अपना टीकाकरण?
लगभग 68 प्रतिशत वयस्कों को एडल्ट वेक्सीनेशन के बारे में जानकारी ही नहीं है. क्या आप जानते हैं इसके बारे में?
लोगों को लगता है कि टीकाकरण सिर्फ बच्चों के लिए ही होता है. कुछ अन्य को लगता है कि वो स्वस्थ हैं इसलिए उन्हें किसी भी टीकाकरण की आवश्यकता नहीं है. लेकिन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की मानें तो जब एक व्यक्ति वयस्क हो जाता है तब भी टीकाकरण की आवश्यकता समाप्त नहीं होती है. एक बच्चे के रूप में प्राप्त टीकों से कुछ ही वर्षो तक सुरक्षा मिलती है और नए तथा विभिन्न रोगों के जोखिम से निपटने के लिए और वेक्सीनेशन की जरूरत पड़ती है.
स्वस्थ भोजन की तरह, शारीरिक गतिविधि और नियमित जांच-पड़ताल, एक व्यक्ति को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. टीके सबसे सुविधाजनक और सुरक्षित निवारक देखभाल उपायों में से एक हैं. शहरी जीवनशैली में अस्वास्थ्यकर भोजन, नींद की कमी, काम के अनियमित घंटे और यात्राएं शामिल होती हैं. इससे लोगों की प्रतिरक्षा कम हो जाती है. इससे बचने के लिए एडल्ट वैक्सीनेशन कारगर होता है. भारत सरकार एडल्ट वेक्सीनेशन के लिए कदम उठा रही है. वर्ष 1985 में, एक व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम देशभर में शुरू किया गया था जो टीबी, टेटनस, डिप्थीरिया, पोलियो और खसरे से निपटने के लिए था.