दावोस में अपनी स्पीच में कौन सी पांच बातें कहीं शाहरुख ने

Spread the love

स्विट्जरलैंड के दावोस में अभिनेता शाहरुख खान को ‘विश्व आर्थिक मंच’ सम्मेलन में क्रिस्टल अवॉर्ड से नवाजा गया.

शाहरुख को यह अवार्ड मीर फाउंडेशन की मदद से भारत में बच्चों और महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए दिया गया है. इस समारोह में केट ब्लैंचेट और सर एल्टन जॉन भी मौजूद थे. पुरस्कार प्राप्त करने के बाद शाहरुख ने करोड़ों लोगों के दिलों को जीतने के लिए ब्लैंचेट और जॉन की तारीफ भी की. इस समारोह में शाहरुख ने अपनी दमदार स्पीच से सबका दिल जीत लिया.
जानिये कौन सी पांच बातें कहीं शाहरुख ने अपनी स्पीच में:
1. पुरस्कार मिलने के तुरंत बाद शाहरुख ने ब्लैंचेट और जॉन के साथ सेल्फी लेने की रिक्वेस्ट कर डाली और उनसे पुछा कि क्या मैं अभी इसी वक्त आपके साथ सेल्फी ले सकता हूँ? शाहरुख इन दोनों के ही जबरदस्त प्रशंसक रहे हैं.
2. किसी औरत के ऊपर एसिड फेंकने जैसा घिनौना काम करने वाले दरअसल मानसिक रूप से विक्षिप्त लोग होते हैं और इससे बड़ा अपराध और कुछ नहीं हो सकता. ऐसे लोग आज भी यह दिखाने की कोशिश करते हैं कि महिलाओं को अपनी पसंद के काम करने का हक़ नहीं है. लेकिन इनमें से जितनी भी महिलाओं से मैं मिला हूँ वो इन हमलों की पीड़ित बनी रहने के बजाय अपनी जिन्दगी में आगे बढ़ना और कुछ करना चाहती हैं. मैंने जो कुछ भी किया उसका मकसद इन्हें पहले से अधिक मजबूत बनाने के लिए किया ताकि वे अपने काम से उन लोगों को जवाब दे सकें जो उन्हें यह एहसास दिलाते रहते हैं कि कौन सा काम उन्हें करना चाहिए और कौन सा नहीं.

READ  रिटायरमेंट सेंचुरी जहाँ हाथी सुनते हैं म्यूजिक

3. बहुत सारी क्षमताएं ऐसी हैं जो सभी लोगों को समान रूप से मिलती हैं लेकिन कुछ ही लोग ऐसे हैं जो इसका सही तरीके से इस्तेमाल कर पाते हैं. कुछ लोग गलती से ऐसा कर लेते हैं जैसा कि मेरे साथ हुआ और कुछ अपनी कड़ी मेहनत से उन क्षमताओं को और निखार कर इस जगह पर मेरे साथ मौजूद हैं

4. मैं अपने पांच साल के बेटे के साथ खेल रहा था कि तभी वो मुझसे बोला, पापा मेरी आँखें मेरे बाल में चली गयी हैं क्या आप मेरे आँखों को मेरे बालों में से बाहर निकाल देंगे? औरों की तरह उसने मुझसे ये नहीं कहा कि मेरे आँखों में से बालों को निकाल दीजिए. जब हमारे पास पावर होती है तो हमें ऐसा लगता है कि चीजें अपने आप सही तरीके से हो रही हैं लेकिन असल में यह हमारी ताकत होती है जो चीजों को सही करने पर मजबूर करती हैं.
5. मैं अपनी बहन शहनाज लालारुख खान, पत्नी गौरी खान, और बेटी सुहाना का शुक्रिया करना चाहता हूँ जिन्होंने मुझे सिखाया कि किसी भी महिला के सामने कैसे बर्ताव करना है. बजाय अपनी इच्छा को उनके ऊपर थोपने के एक छोटी सी हाँ के लिए भी झुकना मुझे अच्छा लगता है.
इस समारोह में हॉलीवुड अभिनेत्री केट ब्लिंचैट और म्यूजिशियन सर एल्टन जॉन को भी उनके सामजिक कार्यों के लिए सम्मानित किया गया .

ब्रह्म मुहूर्त में जागते थे श्रीराम, जानें फायदे ( Brahma muhurta ke Fayde) , देखें यह वीडियो


हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें।

Spread the love
© Word To Word 2021 | Powered by Janta Web Solutions ®
%d bloggers like this:
Secured By miniOrange