इन बीमारियों का अचूक इलाज है लौंग में, जानिए 6 जबरदस्त फायदे
लौंग के अलावा कुछ ही ऐसे मसाले हैं, जिनका खाने के साथ सौंदर्य और दूसरे कई घरेलू नुस्खों में इस्तेमाल किया जाता है. लौंग वास्तव में फूल की कलियां हैं और इसके पौधे के दूसरे हिस्सों का भी कई तरीकों से इस्तेमाल किया जाता है. लौंग का इस्तेमाल इत्र, साबुन और टूथपेस्ट बनाने में भी किया जाता है. यह अपने कई स्वास्थ्य लाभों के कारण आयुर्वेद, चाइनीज, थाई और कम्पो मेडिसिन जैसी पारंपरिक चिकित्सा का महत्वपूर्ण हिस्सा है.
आइए जानते हैं लौंग के फायदे
1. पाचन से जुड़ी परेशानियों में राहत
लौंग को गैस्ट्रिक म्यूकस के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए जाना जाता है. लौंग में ऐसे यौगिक होते हैं, जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट की अंदरूनी परत को रिलैक्स करने में मदद करते हैं, जिससे उल्टी, दस्त, पेट फूलना और पेट दर्द जैसी आम पाचन संबंधी परेशानियों से राहत मिलती है.
2. पेट के अल्सर को रोकने में मददगार
लौंग को गैस्ट्रिक म्यूकस के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए जाना जाता है, जो बैरियर के रूप में काम करके आंत की रक्षा करता है. यह अवरोध आंत की परत के क्षरण को रोकता है, जो तकलीफदेह अल्सर का कारण बन सकता है.
3. ओरल हेल्थ में सुधार
लौंग मुंह के फायदों के लिए काफी मशहूर है और यह पारंपरिक चिकित्सा के सभी रूपों में इसकी मुख्य भूमिका है. कई बड़े टूथपेस्ट ब्रांडों में उसके मुख्य घटक के रूप में लौंग शामिल होती है. मुंह के सभी बैक्टीरिया को मार देने वाले वाले बाजार के तमाम माउथवॉश के उलट, लौंग बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया पर हमला करता है, जबकि गुड बैक्टीरिया पर कोई असर नहीं होता जिससे एक संतुलित ओरल बायोम को बढ़ावा मिलता है.
4. कफ से राहत
लौंग में मौजूद यूजेनॉल सांस की परेशानी से आराम दिलाने में भी मदद करता है. इसे चाय में मिलाकर पकाया जाता है. लौंग एक कफ साफ करने के रूप में काम करती है, इससे छाती से कफ को खींचने में मदद मिलती है. लौंग के तेल की मालिश करने से जकड़न से राहत मिलती है और सांस लेने का रास्ता खुलता है.
5. दर्द से राहत
रुई को थोड़े से लौंग के तेल में भिगो कर दांतों में दर्द वाली जगह पर रखने से तकलीफ से राहत मिलती है.
लौंग का मुख्य घटक यूजेनॉल सभी तरह के दर्द से राहत दिलाने में काफी असरदार है. एक रुई के गोले को थोड़े से लौंग के तेल में भिगो कर दांतों में दर्द वाली जगह पर रखने से तकलीफ से राहत मिलती है.
लौंग का तेल ड्राई सॉकेट को ठीक करने में भी मदद करता है. यह तकलीफदेफ स्थिति दांत निकलवाने के बाद पैदा होती है. सुई लगाने से 5 मिनट पहले सतह पर लौंग का तेल लगाने से दर्द कम हो सकता है.
6. स्किन के लिए फायदेमंद लौंग
लौंग में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो स्किन की हेल्थ के लिए फायदेमंद होते हैं. बैक्टीरिया और धूल फुंसी और मुंहासे के मुख्य कारण हैं, जिसका लौंग से सामना किया जा सकता है. लौंग में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट तत्व समय से पहले झुर्रियों जैसे लक्षणों के खिलाफ भी काम करता है.
लौंग खरीदने और रखने के टिप्स
ताजे और अच्छे लौंग की पहचान नाखून को ऊपरी सिरे में चुभोकर की जा सकती है और यह जांचा जा सकता है कि कि क्या यह तेज महक देता है. लौंग आमतौर पर या तो साबुत या पिसी मिलती है. साबुत लौंग लगभग एक साल तक चलती है, जबकि पिसी लौंग छह महीने तक अच्छी रहती है.
साबुत या पिसी लौंग को स्टोर करने का सबसे अच्छा तरीका एक ठंडी और सूखी जगह में कांच या स्टील के जार में रखना है.
यह जानने के लिए कि क्या कुछ समय से रखी हुई लौंग अभी भी अच्छी है, उसे एक कप पानी में डालकर जांचा जा सकता है. अच्छी गुणवत्ता वाली या ताजी लौंग खड़ी होकर तैरती है, जबकि बाकी या तो डूब जाएगी या क्षैतिज रूप से तैरती रहेगी.
कब न करें इस्तेमाल
लौंग के कई फायदे हैं, यह काफी गुणकारी भी हो सकती है, लेकिन इसे समझदारी से इस्तेमाल किया जाना चाहिए. बहुत ज्यादा सेवन करने से रक्त के थक्के जमने की बीमारी या इम्यून सिस्टम डिसऑर्डर हो सकता है. यही वजह है कि सर्जरी के पहले और बाद में कम से कम एक हफ्ते तक लौंग नहीं खाने की सलाह दी जाती है.