मोबाइल से आया इंसानी शरीर में बदलाव, विकसित हुआ हड्डियों का एक नया ढांचा
सभी जानते हैं कि आज के मनुष्य को अपने इस रूप में आने से पहले करोड़ों साल लम्बी विकास यात्रा से होकर गुजरना पड़ा है. हजारों लाखों साल तक के विकास के बाद पृथ्वी पर किसी भी जीव जंतु या मनुष्य का विकास होता है. लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि लगातार मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से भी आपके शरीर में कई ढांचागत बदलाव आ रहे हैं. हालांकि इससे पहले मोबाइल के अधिक इस्तेमाल से इंसान के बर्ताव में बदलाव जैसी ही बातें सुनने को मिलती थी लेकिन अब एक नयी रिसर्च में कई चौंकाने वाली चीजें सामने आई हैं.
मोबाइल फोन और टेबलेट्स शरीर का ढांचा बिगाड़ रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया के सनशाइन कोस्ट विश्वविद्यालय में हुई रिसर्च में यह बात सामने आई है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, ऐसे गैजेट्स पर अधिक समय बिताने पर सिर के पिछले हिस्से में एक अतिरिक्त नुकीली हड्डी देखी जा रही है. इसे ‘टेक्स्ट नेक’ का नाम दिया गया है. इसका आकार 2.6 सेमी. तक देखा गया है. मोबाइल-टेबलेट का अधिक इस्तेमाल करने वाले एक हजार से अधिक लोगों के सिर को स्कैन करने पर इसकी पुष्टि भी हुई है. 18-30 साल की उम्र में टेक्स्ट नेक के मामले अधिक मिले हैं.
18-86 साल के लोगों पर हुई रिसर्च
शोधकर्ताओं इसका पता लगाने के लिए 18-86 साल की उम्र के लोगों को रिसर्च में शामिल किया. शोध में सामने आया कि ‘टेक्स्ट नेक’ के मामले 18-30 साल की उम्र में अधिक देखने को मिलते हैं. इसका कारण गैजेट का अधिक इस्तेमाल करना है. कम उम्र के बच्चों और युवाओं में बिगड़ा पॉश्चर, असामान्य रूप से पीठ का घुमावदार होना और गर्दन दर्द जैसी शिकायतें भी सामने आ रही हैं.
गर्दन की मांसपेशियों को सपोर्ट देती है टेक्स्ट नेक
गर्दन में नुकीली हड्डी विकसित होने के मामले पिछले एक दशक में देखे गए हैं. इससे पहले ऐसा नहीं था. गर्दन से पीठ की ओर आने वाली मांसपेशियों का अधिक इस्तेमाल किया जाता है. सिर का वजन करीब 5 किलो तक होता है, इसका भार भी इन मांसपेशियों पर पड़ता है. इस भार को कम करने के लिए गर्दन के पिछले हिस्से में एक नई हड्डी विकसित हो रही है.
बदल रहा बच्चों की रीढ़ का आकार
शोधकर्ता डॉक्टर जेम्स कार्टर का कहना है कि बच्चों की रीढ़ का आकर बदल रहा है. यही नहीं मोबाइल फोन का अधिक इस्तेमाल करने के कारण उन्हें सिरदर्द, बैकपेन, गर्दन के साथ कंधों में दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. गैजेट को लंबे समय तक इस्तेमाल करने वाले कई मरीज मेरे पास आते हैं और सिरदर्द की शिकायत करते हैं, जबकि उनमें इसका कारण टेक्स्ट नेक है.
हर 12 मिनट में एक बार फोन चेक करता है इंसान
एक इंसान औसत हर 12 मिनट में एक बार स्मार्ट-फोन चेक करता है और एक सप्ताह में करीबन 24 घंटे फोन का इस्तेमाल करते हुए बिताता है. हर 5 में से एक व्यक्ति पूरे सप्ताह में 40 घंटे के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता है. फोन का बढ़ता एडिक्शन कई समस्याओं का कारण है.