इन आसान घरेलू उपायों से मोतियों जैसे चमकेंगे आपके दांत
दांतों का पहला रोग उन पर पीली परत के रूप में जमता कचरा ही होता है. ये पीलापन ब्रश करने से ठीक नहीं होता. दांत के विशेषज्ञों के अनुसार दांतों की सफाई में पेस्ट या मंजन का कोई खास रोल नहीं होता. केवल ब्रश से भी दांतों की अच्छी तरह सफाई की जा सकती है. दांतों की सफाई सॉफ्ट ब्रश से आराम-आराम से करें, आपके दांत साफ रहेंगे.
पीलापन का कारण
तंबाकू, शराब, गुटखा आदि के सेवन से या सफाई के अभाव में दांत पीले पड़ जाते हैं.
जानकारी के अभाव में दांतों को साफ करने के लिए लोग कई तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल करते हैं. इसका भी दांतों पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
खाने की गलत आदतें भी दांतों को पीला बना देती हैं.
चाय, कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक्स के ज्यादा सेवन से भी दांत पीले पड़ जाते हैं.
विटामिन डी की कमी से भी दिक्कत आती है.
10 घरेलू उपाय, जो चमकाए आपके दांत
बेकिंग सोडा दांतों पर रगड़ने से पीलापन दूर होता है. ब्रश को सीधा बेकिंग सोडा में डिप कर लें या फिर एक बड़ा चम्मच बेकिंग सोडा में चुटकीभर नमक मिला लें और फिर इसे ब्रश से दांतों पर रगड़े.
नमक में सोडियम और क्लोराइड दोनों का मिश्रण होता है, जो दांतों का पीलापन कम करने में मदद करता है. लेकिन इसके ज्यादा इस्तेमाल से दांतों के इनेमल को नुकसान पहुंच सकता है.
डॉक्टर भी भोजन के बाद बिना चीनी वाली च्यूइंगम खाने की सलाह देते हैं. अगर आप प्रत्येक भोजन के बाद अपने दांत ब्रश नहीं करते तो एक च्यूइंगम को मुंह में डालकर 20 मिनट तक चबाएं. जब तक इसे चबाते हैं तो मुंह में बनने वाली लार से प्राकृतिक तौर पर दांतों की धुलाई हो जाती है.
दांतों को चमकाने या सफेद करने के लिए उन पर नींबू या स्ट्रॉबेरी रगड़ सकते हैं. ये कुदरती तौर पर दांतों में चमक लाते हैं. लेकिन इनका इस्तेमाल कभी-कभी ही करना चाहिए.
एक गिलास पानी में आधा नींबू का रस मिलाएं. इसमें रातभर दातुन को रखकर छोड़ दें. सुबह इसी दातुन का इस्तेमान करें. इससे दांतों का पीलापन समाप्त हो जाएगा. अगर प्रतिदिन दातुन नहीं कर सकते तो सप्ताह में एक दिन जरूर दातुन अवश्य करें. इससे दांत और मसूड़े स्वस्थ व मजबूत भी होते हैं.
सूखा तेज पत्ता बारीक पीस लें. हर तीसरे दिन एक बार इससे मंजन करने से दांत चमकेंगे.
हल्दी, सरसों, का तेल और नमक मिलाकर मंजन करें. दांत मजबूत होंगें और पीलापन जाएगा.
चेयर साइड व्हाइटिनंग : इसमें मशीन द्वारा एक घंटे में दांतों की सफेदी लौटाई जा सकती है.
केमिकल ब्लीचिंग : इसमें एक विशेष प्रकार की दवा से दांतों के दाग-धब्बे हटाये जाते हैं. ये आमतौर क्लीनिक में ही की जाती है. इसके लिए रोगी को दो से तीन सीटिंग लेनी होती है.
होम ब्लीचिंग : ये घर पर ही की जा सकती है. इसके लिए विशेष ट्रे दी जाती है, जिसे रात में पहना जाता है. इस प्रक्रिया में 6-8 दिन लग जाते हैं. डेंटल ब्लीचिंग का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता और न ही दांतों पर इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. लेकिन डेंटल ब्लीचिंग के बाद कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत होती है. ब्लीचिंग के तुरंत बाद दांतों पर डेंटिस्ट द्वारा दी गई क्रीम का प्रयोग करना चाहिए. इससे दांतों में कनकनाहट नहीं होती. ब्लीचिंग की प्रक्रिया के बाद कई बार दांतों में सेंसिविटी बढ़ जाती है. इसलिए ब्लीचिंग के बाद कुछ दिनों तक डॉक्टर के लिखे खान-पान का ही पालन करना चाहिए.