एक चिट्ठी जिसे पते पर पहुंचने में 100 साल लग गए
पोस्टल सेवा कुरियर से पत्र पहुंचने में कुछ दिनों की देरी के बारे में तो सब ने सुना होगा, लेकिन अमेरिका में एक पोस्टकार्ड को पते पर पहुंचने में पूरे 100 साल लग गए. पिछले हफ्ते मिशीगन के बिल्डिंग में जब ब्रिटनी कीच नाम की महिला को अपने लेटर बॉक्स में यह पोस्ट कार्ड मिला तो वह इसे देखकर हैरान रह गई.
एक सदी बाद अपनी मंजिल पर पहुंचा यह कार्ड रॉयल मैक्वीन के नाम लिखा गया था जो अब इस पते पर नहीं रहते. एक सेंट कीमत का हैलोवीन थीम पर आधारित यह पोस्ट 19 अक्टूबर 1920 को लिखा गया था.
अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन के नाम का लगा था डाक टिकट
30 वर्षीय कीच के मुताबिक, हर दिन की तरह जब उन्होंने लेटर बॉक्स खंगाला तो यह उन्हें सबसे ऊपर रखा मिला. शुरुआत में तो उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया लेकिन फिर भी उत्सुकतावश इसे पढ़ा तो इसकी तारीख जानकर काफी भौंचक्की रह गई. इसके एक कोने पर अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन के नाम का हरा डाक टिकट लगा हुआ है. भेजने वाले ने इस पर टेढ़े अक्षरों में भाई-बहनों के लिए संदेश लिखा था.
स्थानीय फेसबुक पेज ‘पॉलिटिवली बेल्डिंग’ पर
इस संदेश की भावनाओं को समझ कर कीच पोस्ट कार्ड को सही व्यक्ति तक पहुंचाने की कवायद में जुट गई. इसके लिए एक स्थानीय फेसबुक पेज ‘पॉलिटिवली बेल्डिंग’ पर उन्होंने इसे पोस्ट कर लोगों से मदद भी मांगी है. 1920 की जनगणना के अनुसार, कनाडा के रॉय मैक्वीन और उनकी पत्नी एटना पोस्टकार्ड वाले पते पर रहते थे जहां अभी की अपने परिवार के साथ रह रही हैै.
अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह पोस्ट कार्ड 10 दशकों तक कहां था और इसे मंजिल तक पहुंचने में इतना समय कैसे लगा. पोस्टर सेवा विभाग के प्रवक्ता का कहना है कि यह पोस्ट कार्ड उनके सिस्टम में कहीं गुम हो गया होगा, जिसे मिलते ही पते पर पहुंचा दिया गया. वैसे, इसे किसी व्यक्ति द्वारा स्थानीय बाजार ऑनलाइन या पुराने सामान की पोस्ट करने से भी इनकार नहीं किया गया है.
क्या लिखा है पोस्टकार्ड में
आशा है आप सभी अच्छे होंगे. हम सब भी ठीक हैं लेकिन मां के घुटने काफी कमजोर हो गए हैं. मैंने अभी-अभी अपना इतिहास का अध्याय खत्म किया है और मैं सोने जा रही हूं. पिताजी दाढ़ी बना रहे हैं और मां मुझे पोस्ट कार्ड भेजने के लिए आपका पता बता रही है. – फ्लोसी वर्गीस