साइबर ठगों ने अब फॉर्म-16 का फैलाया जाल, ईमेल के जरिये हो रही है ठगी
साइबर ठगों ने अब फॉर्म-16 के नाम पर भी धोखाधड़ी शुरू कर दी है. ऐसे गिरोहों की तरफ से ई-मेल के जरिए दफ्तरों के सभी लोगों को एक साथ संपर्क किया जाता है. देखने में यह ईमेल ऐसा लगता है कि एचआर विभाग की तरफ से भेजा गया हो. उन्हें क्लिक करने पर लोगों से उनकी निजी जानकारियां मांगी जाती हैं. ई-मेल में कहा जाता है कि आयकर विभाग ने फॉर्म-16 के लिए नई व्यवस्था शुरू की है, जिसके लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करके उसे डाउनलोड किया जा सकता है. जैसे ही कोई व्यक्ति दिए गए लिंक पर क्लिक करता है वो उसे एक ऐसे पेज पर ले जाता है जहां लोगों से आधारकार्ड, पैन कार्ड, बैंक डिटेल समेत तमाम निजी जानकारियां मांगी जाती हैं.
कैसे होती है ठगी
ऐसे लोग संस्थान के मिलते-जुलते नामों से ही ईमेल के लिंक भेजते हैं. उन लिंक को क्लिक करने पर लोगों का सिस्टम हैक हो जाता है जो उस समय मौजूद तमाम जानकारी को ठगों तक पहुंचा देता है. कई मामलों में ये भी देखने को मिलता है कि लिंक क्लिक करते ही मोबाइल या फिर कम्प्यूटर में कोई बग इंस्टॉल हो जाता है जो पूर सिस्टम की जानकारी बाद में भी भेजता रहता है. ऐसे में जब भी व्यक्ति अपना बैंकिंग लेनदेन करता है तो उसके शिकार होने की आशंका बढ़ जाती है.
कोरोना महामारी के चलते अब तमाम संस्थान ईमेल के जरिए ही लोगों को फॉर्म -16 भेज रहे हैं. आमतौर पर ये दफ्तर के सर्वर के जरिए ही संस्थान में लगे कंप्यूटरों से लिया जाता था, जो ज्यादा सुरक्षित होता था. महामारी के चलते वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था में लोगों के कम सुरक्षित इंटरनेट और वाईफाई सेवाओं का फायदा साइबर ठग उठा रहे हैं.
क्या कहता है आयकर विभाग
आयकर विभाग और रिजर्व बैंक ने लोगों से ऐसे किसी भी लिंक के झांसे में न आने की अपील की है. किसी भी लिंक को ध्यान से देखकर आश्वस्त होने के बाद ही खोलना चाहिए. साथ ही, अपनी जरूरी निजी और बैंक से जुड़ीं जानकारियां कतई साझा नहीं करनी चाहिए. साइबर ठग उनसे जुड़ीं अहम जानकारियां इकट्ठा करके डार्क वेब पर बेच देते हैं. वहां से दुनियाभर में फैले साइबर गिरोह लोगों को अपना शिकार बनाते रहते हैं.

