हिन्द महासागर में मिला 14 टांगों वाला विशालकाय कॉकरोच, जानिए खासियत
हिंद महासागर की गहराई में एक नई प्रजाति का जीव पाया गया है. जो देखने में किसी हॉलीवुड की साइंस-फिक्शन फिल्मों के किसी अजीब से काम नहीं है. इस जीव को वैज्ञानिकों ने सी कॉक्रोच या समुद्री तिलचट्टा नाम दिया है. 14 पैरों वाले बेहद ही खतरनाक नजर आने वाला यह तिलचट्टा सिंगापुर के शोधकर्ताओं ने खोजा था, जो पश्चिमी जावा में बैंटन के तट के पास एक गहरे समुद्र में सर्वेक्षण कर रहे थे.
S'pore researchers find never-seen-before supergiant 'sea cockroach' in Indonesian waters https://t.co/na0HEF0CJd pic.twitter.com/A1yw5vL2FZ
— Mothership.sg (@MothershipSG) July 15, 2020
विचित्र सा नजर आने वाला यह समुद्री जीव पहली बार वर्ष 2018 में देखा गया था. इसे ‘बाथिनोमस रक्ससा’ नाम दिया गया है.
बाथिनोमस रक्सासा यानी समुद्री तिलचट्टा की पहचान एक ‘विशाल आइसोपॉड’ के रूप में की गई थी. यों तो वे एक जमीनी तिलचट्टा की तरह नजर आते हैं, लेकिन वैज्ञानिक रूप से यह केकड़ों और झींगा से जुड़े हुए हैं.
ये गहराई में डूब जाने वाले मृत समुद्री जीवों के अवशेषों को साफ कर देते है. जमीनी तिलचट्टे की ही तरह ये बिना भोजन खाए लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं.
शोधकर्ताओं द्वारा पकड़े गए समुद्री तिलचट्टा का आकार 20 इंच था. यह अब तक खोजा गया दूसरा सबसे बड़ा आइसोपॉड है.
इस जीव का पता लगाने वाली सर्वेक्षण टीम का नेतृत्व पीटर एनजी ने किया था. एनजी और उनके सहयोगियों ने दो हफ्तों के लिए बैंटन के तट के पास के समुद्री इलाके की खोजबीन की. इस दौरान उन्होंने 63 क्षेत्रों को खोजा. यह शोध नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर और इंडोनेशिया विज्ञान संस्थान के बीच संयुक्त रूप से की गई.
बेहद एडवांस्ड तकनीकी के कोरिंग और ड्रेजिंग उपकरणों की मदद से समुद्र की लगभग 800 मीटर की गहराई में हजारों नमूनों को निकाला गया. हालांकि कुछ नमूने समुद्र तल से 2100 मीटर नीचे तक से भी आए.
निकाले गए इन समुद्री जीवों में जेली फिश, केकड़े, अर्चिन, कीड़े, मछली, स्टारफ़िश समेत बहुत कुछ शामिल था. इनमें लगभग 800 विभिन्न प्रजातियां पाई गईं. अविश्वसनीय रूप से 12 प्रजातियां ऐसी निकलीं जो वैज्ञानिक इतिहास में अब तक अज्ञात और अपरिचित रही थीं.