पेट्रोल और डीजल पर सरकार आपसे लेती है कितना टैक्स
पेट्रोल और डीजल पर सरकारी करों का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है. सरकार ने हाल ही में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है. महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों ने भी वैट बढाने की घोषणा की है. भारत में पेट्रोल की कीमत अंतरराष्ट्रीय उत्पाद की कीमतों और बाजार की अन्य स्थितियों पर निर्भर करती है. यहां पेट्रोल और डीजल माल और सेवा कर (GST) के दायरे में नहीं आते हैं.
पेट्रोल और डीजल के खुदरा मूल्य में अन्य कारकों में उत्पाद शुल्क, वैट, BS IV प्रीमियम, मार्केटिंग कास्ट और मार्जिन, डीलर कमीशन आदि शामिल हैं. अब जानिए कि पेट्रोल और डीजल खरीदने में आपको कितना टैक्स चुकाना पड़ता है.
पेट्रोल
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, सोमवार 16 मार्च को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 69.59 प्रति लीटर है, जबकि ईंधन का बेस प्राइस 27.96 रुपये प्रति लीटर था. जिसमें 0.32 प्रति लीटर भाड़ा, डीलरों से वसूला जाने वाला मूल्य (उत्पाद शुल्क और वैट को छोड़कर) 28.28 प्रति लीटर जुड़ा था.
साथ ही इसमें 22.98 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क और डीलर कमीशन शामिल है, जो कि औसत 3.54 प्रति लीटर था. इस पर 14.79 प्रति लीटर वैट (डीलर कमीशन पर वैट सहित) जुड़ा है. जिसके बाद दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की खुदरा कीमत 69.59 रुपये प्रति लीटर हो जाती है. इसलिए यदि आप पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क और राज्य द्वारा लिया जाने वाला VAT जोड़ते हैं तो दिल्ली में कुल टैक्स भार 54% तक आता है.
डीजल
डीजल की बात करें तो दिल्ली में इसका खुदरा मूल्य 62.29 प्रति लीटर है. इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार इसका बेस प्राइस 31.49 रुपये प्रति लीटर था. इसमें भाड़ा का शुल्क 0.29 रुपये लीटर है, डीलर पर लगने वाला मूल्य (उत्पाद शुल्क और वैट को छोड़कर) 31.78 रुपये प्रति लीटर है. इसके बाद उत्पाद शुल्क 18.83 रुपये प्रति लीटर, डीलर कमीशन (औसत) 2.49 रुपये लीटर और वैट (डीलर कमीशन पर वैट सहित) 9.19 लीटर जुड़ता है, अंत में दिल्ली में अंतिम खुदरा बिक्री मूल्य लगभग 62.29 प्रति लीटर हो जाता है.
इस तरह अगर आप डीजल पर उत्पाद शुल्क और राज्य द्वारा लगने वाले VAT को जोड़ते हैं तो दिल्ली में कुल टैक्स भार लगभग 44% हो जाता है.
स्त्रोत : जागरण