वैलेंटाइन स्पेशल: जानिए ‘कोई दीवाना कहता है’ के रचयिता कुमार विश्वास की प्रेम कहानी

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कवि, कलाकार, प्रखर वक्ता, प्रोफेसर और राजनीतिज्ञ कुमार विश्वास को तो आप सभी जानते हैं पर हम आज आपको वैलेंटाइन डे के मौके पर उनके अंदर छुपे प्रेमी की दास्तान बता रहे हैं.

कोई दीवाना कहता है

कुमार विश्वास की यह रचना देश-विदेश में युवाओं का लव एंथम बन चुकी है. पर इसके पीछे की कहानी कम ही लोग जानते होंगे. ग्रेजुएशन का समय था. कुमार जिनसे मोहब्बत करते थे उनको चिट्ठी देने शाम के समय गर्ल्स हॉस्टल पहुँच गए. वहाँ गार्ड ने इन्हें देख लिया और जब इनके पीछे दौड़ा तो भाग कर बाउंड्री कूद गए. बाउंड्री के बाहर किसी से टकरा गए तो उसने कहा ‘पागल है क्या’. बाहर जो दोस्त इंतज़ार कर रहा था उसकी स्कूटर से भी टकरा गये तो दोस्त ने कहा ‘दीवाना है तू’. इसके बाद कुमार ने यह मुक्तक लिखा जिसका जादू आज भी बरकरार है.

कैसे पड़ा नाम कुमार विश्वास

कुमार विश्वास का वास्तविक नाम विश्वास कुमार शर्मा है. इन्हें बचपन से ही कवितायें लिखना पसंद था. इनकी बड़ी बहन वंदना शर्मा जो खुद प्रोफेसर हैं, इनके क्रिटिक का रोल अदा करती थीं. एक बार उन्होंने अपने भाई से कहा कि विश्वास कुमार शर्मा एक कवि के लिहाज से कुछ खास नहीं है. बहुत सोचने के बाद आखिरकार दीदी ने छोटे भाई को ‘कुमार विश्वास’ नाम दिया जो आज खुद में एक पहचान बन चुका है.

शादी भी रही खास
कुमार विश्वास की शादी भी बिल्कुल फ़िल्मी तरीके से हुई थी. माँ-पिता नहीं चाहते थे कि घर का सबसे छोटा बेटा अपनी मर्ज़ी से शादी करे और वह भी अंतर्जातीय. लेकिन जिस कॉलेज में कुमार पढ़ाते थे, वहीं सह-शिक्षिका डॉ मंजू शर्मा से प्रेम हुआ. घर वाले लाख मनाने पर भी नहीं माने तो दोनों ने खुद ही फैसला कर लिया. घर में बिना बताए कुछ दोस्तों की मदद से पहले कोर्ट में और फिर मंदिर में शादी की. इस कारण लंबे समय तक घर से मनमुटाव रहा. लेकिन समय के साथ सब ठीक हो गया.

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कब आया सबसे ज़्यादा गुस्सा

बात 1998 की है. कुमार विश्वास और उनकी पत्नी मंजू शर्मा, दोनों भरतपुर में लेक्चरर थे. उनकी पत्नी उन दिनों प्रेग्नेंट थीं और डॉक्टर ने उन्हें घुमाने-फिराने की सलाह दी थी. विश्वास उन्हें अपनी पहली गाड़ी मारुति से भरतपुर के पास एक रिसॉर्ट लेकर गये. लौटते वक़्त कार के ड्राइवर ने कार एक स्पीड ब्रेकर पर ज़ोर से उछल दिया. स्थिति समझाते हुए डॉ मंजू ने ड्राइवर को गाड़ी धीमे चलाने को कहा. इसपर ड्राइवर ने बदतमीजी से जवाब देते हुए कहा कि लगता है पहली बार गाड़ी में बैठी हो. कुमार को गुस्सा आया और ड्राइवर को गाड़ी रोकने को कहा. इसके बाद ड्राइवर को उतार दिया और खुद ड्राइव करने लगे. कुमार ने इसके पहले कभी गाड़ी नहीं चलाई थी. जब पत्नी को चिंता हुई तो उन्होंने अपने अंदाज में जवाब देते हुए कहा, “जब रास्ते पर साथ लाया हूँ तो मंज़िल तक भी पहुँचेंगे”.

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