इन चीजों के साथ भूलकर भी ना पियें दूध

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दूध कैसे भी कभी भी पिया जाए तो सेहत के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन कई चीजें ऐसी हैं जिन्हें दूध से पहले या बाद में नहीं खाना – पीना चाहिए. इसके पीछे वैज्ञानिक कारण है.

कई लोगों को दूध से एलर्जी यानी दूध में पाए जाने वाले प्रोटीन के प्रति रिएक्शन होता है. इसके पीछे का मुख्य कारण होता है बैलेंस्ड डाइट का अभाव यानी दूध के बाद या पहले ऐसा कुछ खा पी लेना जो उसमें पाए जाने वाले प्रोटीन के प्रति रिएक्शन करता है. एक ही भोजन में दो प्रोटीन वाली चीजें कभी एक साथ नहीं खाना चाहिए. मछली और दूध के साथ सभी प्रकार के मांस के सेवन से बचें.

दूध को अन्य प्रोटीन के साथ नहीं मिलाया जाना चाहिए. इससे कुछ लोगों लिए शरीर में भारीपन और पाचन संबंधी समस्या हो सकती है. जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं, उन्हें दूध में किसी तरह का प्रोटीन नहीं मिलाना चाहिए. हालांकि, ऐसा करना उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित होता है जो वजन बढ़ाना चाहते हैं. अम्लीय और खट्टे पदार्थों को दूध के साथ नहीं मिलाया जाना चाहिए. यानी विटामिन सी से भरपूर फलों को कभी दूध के साथ नहीं पीना चाहिए.

दूध को किसी भी प्रकार के फलों के साथ न मिलाएं. आयुर्वेद में दूध और फलों का अलग-अलग सेवन करने का सुझाव दिया गया है. एकमात्र प्रकार के फल जिन्हें दूध के साथ मिलाया जा सकता है, वे हैं-आम, अंजीर, खजूर वगैरह जो मीठे और मक्खन वाले गुण के होते हैं. दूध एक प्रकार का एनिमल (पशु) प्रोटीन है, जो फलों से साथ मिलाया जाए तो पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है.

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केले को भी आमतौर पर दूध के साथ सबसे अधिक खाया जाता है, लेकिन आयुर्वेद में कहा गया है कि इससे पाचन गड़बड़ा सकता है और आंतों पर उल्टा असर पड़ सकता है. इससे सर्दी, खांसी, चकत्ते और अन्य प्रकार की एलर्जी हो सकती है.

यूं तो दुनिया में कई लोकप्रिय व्यंजन ऐसे हैं जिनमें मछली, दही या दूध एक साथ इस्तेमाल किए गए हैं. कुछ पोषण विशेषज्ञ दावा करते हैं कि ये खाद्य पदार्थ हृदय रोगों, मधुमेह और यहां तक कि मनोवैज्ञानिक समस्याओं का समाधान करती हैं. लेकिन आयुर्वेद कहता है कि दूध के साथ मछली का सेवन ठीक नहीं है.

दूध शाकाहारी है जबकि मछली मांसाहारी भोजन. दोनों को एक साथ खाने से शरीर में तामसिक गुण बढ़ सकता है. इससे शरीर में ऊर्जा के प्रवाह में असंतुलन आएगा, जो स्वास्थ्य पर असर डालेगा. तामसिक ऊर्जा बढ़ने से रक्त में रासायनिक परिवर्तन होते हैं जो ल्यूकोडर्मा का कारण बन सकते हैं.

आयुर्वेद यह भी बताता है कि दूध शरीर को ठंडा करता है जबकि मछली गर्मी पैदा करती है. दोनों को एक साथ खाने से शरीर में वात दोष या असंतुलन पैदा हो सकता है. मछली और दूध एक साथ खाने से शरीर में एलर्जी होती है.

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