इस मछली पर गोलियों का भी नहीं होता है असर

Spread the love

दुनिया भर में कई ऐसे जीव होते हैं, जिनमें अनोखे गुण होते हैं. इन जीवों के गुणों का इस्तेमाल सदियों से मनुष्य करता आया है. हाल ही में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के सैन डिएगो और बेर्कले कैम्पस के रिसर्चरों ने बुधवार को एक मछली में अनोखी संरचना और इसके शानदार गुणों के बारे में जानकारी दी. इसमें बहुत ही मजबूत कवच होता है. इस कवच वाली मछली को पिरारुकु या अरापाइमा गिगास कहा जाता है. रिसर्चरों का कहना है कि उनकी खोज इंसानों के लिए बढ़िया कवच बनाने के साथ ही एयरोस्पेस के डिजाइन को बेहतर बनाने में भी मददगार हो सकते हैं. पिरारुकु की लंबाई 10 फीट तक होती है और इसका वजन करीब 200 किलो तक होता है. यह मछली हवा में सांस ले सकती है और पूरा एक दिन पानी के बाहर गुजार सकती है. पिरारुकु का घर ब्राजील, गुयाना और पेरू है जहां पिरहाना मछलियों का भी बसेरा है. पिरहाना मछलियों के दांत रेजर जैसी धार वाले होते हैं और इनमें काटने के लिए पर्याप्त ताकत होती है. अपना खाना जुटाने के लिए ये दूसरी मछलियों पर घातक वार करती हैं.

रिसर्चरों ने लैबोरेट्री में इन शल्कों का परीक्षण किया. उन्होंने देखा कि शल्क की बाहरी परत खनिजों से बनी है जिसे भेदना मुश्किल है जबकि अंदरूनी हिस्सा कोलैजन से बना है. कोलैजन त्वचा में प्रोटीन संरचना और शरीर के दूसरे ऊतकों से मिल कर बनी है. इस संरचना का मतलब है कि शल्कों की आकृति पिरहाना के हमले से बिगड़ सकती है लेकिन इनमें ना तो टूट फूट होगी ना ही इन्हें भेदा जा सकता है. मतलब कि मछली सुरक्षित रहेगी.
(स्रोत : Dw.com)

READ  भूकंप के झटकों से हिला मंगल ग्रह, पहली बार मार्सक्वेक का पता करने में मिली सफलता

Photo credit : डीडी न्यूज (YouTube)

ब्रह्म मुहूर्त में जागते थे श्रीराम, जानें फायदे ( Brahma muhurta ke Fayde) , देखें यह वीडियो


हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें।

Spread the love
© Word To Word 2021 | Powered by Janta Web Solutions ®
%d bloggers like this:
Secured By miniOrange