कौन हैं एक दिन के लिए ब्रिटिश उच्चायुक्त बनी आयशा खान

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एक दिन की बिट्रिश उच्चायुक्त बनने वाली गोरखपुर की आयशा खान की इस उपलब्धि पर परिवार ही नहीं पूरा देश खुश है. बिट्रिश उच्चायोग द्वारा एक दिन के लिए उच्चायुक्त बनने के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. इस प्रतियोगिता में दिल्ली में पढ़ रही गोरखपुर की बिटिया आयशा खान ने भी प्रतिभाग किया. 22 वर्षीया आयशा ने सभी प्रतियोगियों को पछाड़ते हुए सबसे अधिक अंक लाए. फिर उनको एक दिन का बिट्रिश उच्चायुक्त बनने का गौरव हासिल हुआ. इस प्रतियोगिता का आयोजन अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर किया गया था. इसमें 18-23 साल की भारतीय महिलाएं हिस्सा ले सकती थी.

आयशा ने हाई कमिश्नर के रूप में चार अक्तूबर को पूरा दिन ब्रिटेन के सबसे बड़े विदेशी नेटवर्क का कामकाज देखा. अलग-अलग सत्रों की अध्यक्षता करने के साथ साथ गणमान्य लोगों के साथ बैठक भी की. इसके अलावा उन्होंने परियोजनाओं के लाभार्थियों के साथ बातचीत भी किया.

अपने अनुभव बताते हुए आयशा ने कहा कि शिक्षा एक शक्तिशाली माध्यम है जो लैंगिक समानता हासिल करने में मदद कर सकती है. हाईकमिश्नर के रूप में मेरा एक दिन का कार्यकाल काफी व्यस्तताओं से भरा रहा, मुझे काफी कुछ सीखने को मिला. आयशा ने कहा कि छोटे शहरों की लड़कियों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, बशर्ते उनको मौका मिले, परिवार के लोग प्रोत्साहित करें.

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बैंकर की बेटी है आयशा

आयशा के पिता जुनैद अहमद खान बैंकर हैं. वह पूर्वांचल ग्रामीण बैंक गोरखपुर के जैतपुर ब्रांच में शाखा प्रबंधक हैं. मां गृहणी हैं. जबकि आयशा की एक बहन जुवेरिया खान डेंटिस्ट है जो इस समय दुबई में है. काफी उच्च शिक्षित परिवार से ताल्लुक रखने वाली आयशा के दादा समशुल हक एनई रेलवे गोरखपुर मुख्यालय से वाणिज्य विभाग के इंस्पेक्टर पद से रिटायर हुए हैं.

आयशा खान शहर के कार्मल गल्र्स स्कूल से हाईस्कूल की परीक्षा पास की तो सेंट जाॅन्स स्कूल खोराबार से इंटरमीडिएट की परीक्षा 94 प्रतिशत अंक पाकर सफल हुई. इसके बाद वह माॅस कम्यूनिकेशन की पढ़ाई करने दिल्ली के खालसा काॅलेज में दाखिला लिया.

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