हरितालिका तीज : अच्छे वर की प्राप्ति के लिए कुंवारी लड़कियां ऐसे करें पूजन

Spread the love

हरतालिका तीज भाद्र पद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है. इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और कुंवारी लड़कियां अच्छा वर पाने के लिए यह हरितालिका तीज का व्रत रखती है. यह व्रत निर्जला होता है. प्रत्येक पहर में भगवान शंकर का पूजन और आरती होती है. इस दिन पंचामृत भी बनता है. जिसमें घी, दही, शक्कर, दूध, शहद का इस्तेमाल होता है. हरतालिका तीज के दिन सुहागिन महिलाओं को सिंदूर, मेहंदी, बिंदी, चूड़ी, काजल सहित सुहाग पिटारा दिया जाता है. आइए जानें हरतालिका तीज पूजा की जरूरी सामग्री…

 

 पूजा के लिए आवश्यक सामग्री :

गीली काली मिट्टी या बालू रेत.

बेलपत्र,

शमी पत्र,

केले का पत्ता,

धतूरे का फल एवं फूल,

आंक का फूल,

तुलसी,

 मंजरी,

जनैऊ,

 नाड़ा,

 वस्त्र,

 सभी प्रकार के फल एवं फूल पत्ते,

श्रीफल,

 कलश,

अबीर,

चंदन,

 घीतेल,

 कपूर,

कुमकुम,

 दीपक,

फुलहरा 

विशेष प्रकार की 16 पत्तियां

2 सुहाग पिटारा

 

पूजा विधि

हरतालिका तीज की पूजा को आप किसी पंडित से करवा सकते हैं या फिर आप स्वयं भी इसे कर सकते हैं. इस व्रत की पूजा के लिए सबसे पहले लाल कपड़ा बिछाएं फिर उस पर शिव जी की मूर्ति या फोटो रख दें. साथ ही भगवान के अभिषेक हेतु एक परात रख लें. इसके बाद सफेद चावल से अष्टकमल बनाएं और उसपर दीप कलश स्थापित करें. अब कलश के ऊपर स्वास्तिक बनाएं और कलश में जल भरकर सुपारी, सिक्का और हल्दी उसमें डाल दें.

READ  इस अक्षय तृतीया इन उपायों को करने से मिलेगा राजयोग

 

फिर कलश के ऊपर पान के 5 पत्तों को रखें साथ ही चावल भरी कटोरी व एक दीप भी कलश के ऊपर रख दें. अब पान के पत्ते के ऊपर चावल रखें  और उस पर गौरा जी  व गणेश जी को स्थापित करें. इसके बाद आप पूजा शुरू कर सकते हैं. अब दूब, चावल और रोली चढ़ाएं. समस्त भगवानों को दीप कलश का टीका करें.

 

इतना करने के बाद षोडपचार विधि से पूजन शुरू करें. सबसे पहले हाथ जोड़कर कहें कि हे प्रभु हमारी पूजा में आप जरूर आएं. भगवान को आसन ग्रहण कराएं साथ ही फूल और जल भी चढ़ाएं. फिर हाथ में जल लेकर मंत्र पढ़ें और जल को प्रभु के चरणों में अर्पित कर दे. तीन बार मंत्र पढ़ते हुए आचमन करें, फिर हाथ धो लें.

 

अब परात में पानी भरें और शिव जी को स्नान कराएं फिर साफ कपड़ों से पोछ कर उनका श्रृंगार करें. वस्त्र के रूप में मौली को पहनाएं और हार, जनेऊ, मालाएं, पगड़ी आदि पहनाएं. फिर इत्र छिड़कर चंदन अर्पित करें, धूप, फूल, दीप, पान के पत्ते पर फल, मिठाई और मेवे आदि चढ़ा दें. शमीपत्री, बेलपत्र, 16 तरह की पत्तियां आदि जो भी लाए हैं वो भी अर्पित करें. फिर हरतालिका तीज की व्रत कथा सुनें या पढ़ें. आखिर में आरती करें. इस तरह यह पूजा संपन्न हो जाएगी.

ब्रह्म मुहूर्त में जागते थे श्रीराम, जानें फायदे ( Brahma muhurta ke Fayde) , देखें यह वीडियो


हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें।

Spread the love
© Word To Word 2021 | Powered by Janta Web Solutions ®
%d bloggers like this:
Secured By miniOrange