ऐसा संगीत जिसका रंग भी है और सुगंध भी, जानिये इस अनोखी दुनिया को
संगीतकार केटलिन होवा को अपना संगीत रंगों में दिखता है. जैसा उन्हें नजर आता है वैसा दुनिया को दिखे, इसके लिए उन्होंने एक ग्लोइंग वायलिन बनाई है. जब वे अलग अलग सुर लगाती हैं तो वायलिन पर अलग रंग उभरते हैं.
सिनेस्थेसिया के शिकार लोगों को स्कूल कालेज में पढ़ाई के दौरान चीजें याद करने में खूब मदद मिलती है क्योंकि उन्हें अक्षर और संख्याएं अलग अलग रंगों और थ्रीडी में नजर आते हैं. कभी उन्हें नंबर 8, खीरे जैसा हरा तो कभी 4 सूर्य जैसा पीला दिखता है.
उदाहरण के लिए अगर उन्हें गणित का कोई समीकरण याद करना हो, जैसे 18 x 18 तो उन्हें कुछ इस तस्वीर जैसा दिखता है. दो गहरे हरे रंग के खीरे, हल्के हरे स्टैंड में रखे हों और स्टैंड ऊपर से पीले और सफेद रंगों की तिरपाल से ढका हो.
हर म्यूजिक पर अलग रंग
आमतौर पर ऐसे लोगों को अलग अलग आवाजों से जुड़े रंग दिखते हैं. कुछ लोगों को ऊंची आवाजें दिमाग में अकसर पीले रंग के शेड्स में दिखाई देती हैं और नीची आवाजें नीले रंग में दिखने लगती हैं. जब कोई गाता है तो उसके सुर अपनी आंखों के सामने गोलों के रूप में नजर आते हैं. अगर गाने वाला सुरीला ना हो तो गोले ग्रे रंग के और धुंधले दिखते हैं.
स्पर्श में भी रंग
सिनेस्थेसिया का एक रूप ऐसा होता है जिसमें स्पर्श जैसे एक इंद्रीय अनुभव से एक और स्तर ऊपर का अनुभव जुड़ा होता है. अगर कुछ चुभे तो आंखों के सामने गुलाबी, और हल्के नीले रंग के अंडाकार घेरे दिखते हैं. इसके अलावा रंगों से जुड़ा स्वाद भी ऐसे लोगों को महसूस होता है.
रंग और आवाज
जैसे कुछ लोगों को आवाजों से जुड़े रंग दिखते हैं वैसे ही कइयों को रंगों से जुड़ी आवाजें भी. उन्हें दिमाग में कई तरह की धुनें सुनाई देती हैं. किसी ख़ास चीज को देखकर उनके दिमाग में जो भी धुन बजती है इस आधार पर कई बार ऐसे लोग अपना संगीत तक तैयार कर लेते हैं.
सिनेस्थेसिया कोई बीमारी नहीं है. केवल किसी भी चीज को एक से ज्यादा तरह से देख पाने की क्षमता है. कई लोग इसे केवल अतिरिक्त संवेदनाओं के तौर पर देखते हैं जिससे उनके जीवन पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ता. वहीं कभी कभी कुछ असुविधा भी होती है. यह कोई भ्रम की स्थिति भी नहीं है. एमआरआई स्कैन में देखा जा सकता है कि अलग अलग इंद्रियों के लिए दिमाग के अलग अलग हिस्से सक्रिय होते हैं. कई बार ऐसे गुण जेनेटिक होते हैं और लोगों को पता ही नहीं होता कि उन्हें सिनेस्थेसिया है. लेडी गागा, फैरेल विलियम्स और वैसिली काडिंस्की जैसे कलाकारों में भी ये गुण है.