चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा चंद्रयान-2, सितम्बर में रचेगा इतिहास
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए चंद्रयान2 को चंद्रमा की कक्षा में मंगलवार को सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया. लूनर ऑर्बिट इंसर्शन प्रक्रिया सुबह नौ बजकर दो मिनट पर सफलतापूर्वक पूरी हुई. यह पूरी प्रक्रिया 1,738 सेकेंड की थी और इसके साथ ही चंद्रयान 2 चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हो गया.
Indian Space Research Organisation (ISRO) Chief K Sivan: On 7th September, at 1:55 am lander will land on the moon. #Chandrayaan2 pic.twitter.com/rJiWfJlbaP
— ANI (@ANI) August 20, 2019
‘चंद्रयान-2 मिशन भारत के लिए इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में अभी तक कोई देश नहीं पहुंचा है. इससे पहले गत 15 जुलाई को रॉकेट में तकनीकी खामी का पता चलने के बाद ‘चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण टाल दिया गया था. समय रहते खामी का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक समुदाय ने इसरो की सराहना की थी. ‘चंद्रयान-2 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंच पाया है. इससे चांद के अनसुलझे रहस्य जानने में मदद मिलेगी . यह ऐसी नयी खोज होगी जिसका भारत और पूरी मानवता को लाभ मिलेगा.
अगली प्रमुख घटना 2 सितंबर को होगी जब लैंडर को ऑर्बिटर से अलग किया जाएगा. 3 सितंबर को लगभग 3 सेकेंड के लिए एक छोटा युद्धाभ्यास होगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि लैंडर की प्रणालियां सामान्य रूप से चल रही हैं. 7 सितंबर को चंद्रयान-2 सुबह 1:55 बजे चंद्रमा पर उतरेगा.
इसके बाद यान को चंद्रमा की सतह से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर चंद्र ध्रुवों के ऊपर से गुजर रही इसकी अंतिम कक्षा में पहुंचाने के लिए चार और कक्षीय प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाएगा. अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इसके बाद लैंडर ‘विक्रम दो सितंबर को ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा.
बेंगलूरु के नजदीक ब्याललू स्थित इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क (आईडीएसएन) के एंटीना की मदद से बेंगलूरू स्थित ‘इसरो, टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के मिशन ऑपरेशन्स कांप्लेक्स (एमओएक्स) से यान की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. देश के कम लागत वाले अंतरिक्ष कार्यक्रम को पंख लगाते हुए इसरो के सबसे शक्तिशाली तीन चरण वाले रॉकेट जीएसएलवी-एमके3-एम1 ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से 22 जुलाई को चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया था. प्रक्षेपण के बाद चंद्रयान-2 ने गत 14 अगस्त को पृथ्वी की कक्षा से निकलकर चंद्र पथ पर आगे बढ़ना शुरू किया था. इसरो का यह अब तक का सबसे जटिल और सबसे प्रतिष्ठित मिशन है. यदि सब कुछ सही रहता है तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत, चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा.