समझ रहे हैं जिसे कमसिन कुंवारी, कहीं निकल ना जाए वो 45 की नारी
राहुल को फेसबुक पर एक खूबसूरत लडकी की प्रोफाइल देखकर उससे पहली नजर वाला प्यार हो गया. धीरे धीरे बातें बढी, इकरार हुआ. नौबत मिलने तक आ पहुँची. पहले तो उसने टालमटोल की लेकिन जब राहुल नहीं माना तो उसने मिलने के लिए हामी भर दी. मिलने के बाद राहुल को ऐसा झटका लगा कि उसने फेसबुक पर प्यार से तौबा कर ली. दरअसल जिसे वह 16 की कन्या समझ रहा था वो 32 की शादीशुदा नारी निकली. प्रोफाइल में उसने अपने सालों पुरानी तस्वीर लगा राखी थी जिसपर राहुल लट्टू हो गया था.
सोशल मीडिया नेटवर्क फेसबुक से टीनएजर और युवा दूर हो रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक़ 60 वर्ष के बुजुर्गों की तुलना में 16 वर्ष के अमेरिकी फेसबुक को कम पसंद करते हैं. और फेसबुक पर ज्यादा तादाद 40 साल तक के लोगों की है. 12 से 17 वर्ष की आयु के युवा जो माह में कम से कम एक बार नेटवर्क पर जाते थे, आज उनका प्रतिशत 39 रह गया है. यह 2015 में 60% था. 45 से 64 वर्ष की आयु के लोगों में यह आंकड़ा 58% है. अन्य देशों में भी ऐसा ही ट्रेंड है. फेसबुक के अनुसार उसने 2019 के पहले तीन महीनों में दो अरब फर्जी प्रोफाइल बनने से रोके हैं.
2006 में फेसबुक के एक करोड़ यूजर थे. इसे स्टूडेंट नेटवर्किंग साइट के नाम से जाना जाता था. अब फेसबुक के दो अरब से अधिक यूजर हैं. लेकिन टीनएजर दूर जा रहे हैं.
युवाओं के फेसबुक से मुंह मोड़ने का एक कारण उनका विद्रोही मिजाज है. कई टीनएजर अपने परिवार के बुजुर्गों के साथ नेटवर्क शेयर नहीं करना चाहते हैं. स्नैपचैट और इंस्टाग्राम टीनएजर को इमेज और रोचक कहानियों के साथ अपने हर क्षण को दर्ज करने का मौका देते हैं. फेसबुक का जोर न्यूज और मैसेज पर है. वह पुराने दोस्तों से संपर्क बनाने में सहायक है लेकिन ब्रेकफास्ट फोटो पेश नहीं करता है.
फेसबुक किस्मत की धनी है. अमेरिकी रेगुलेटरों ने उसे 2012 में इंस्टाग्राम और 2014 में मैसेजिंग एप वॉट्सऐप के अधिग्रहण की अनुमति दे दी. अगर फेसबुक मैसेंजर को जोड़ा जाए तो कंपनी के पास सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले पांच में से चार कम्युनिकेशन एप हैं. फेसबुक अलग-अलग प्लेटफार्म की आमदनी नहीं बताती है. लेकिन अनुमान है, इस वर्ष उसकी 4691 अरब रुपए की आय में इंस्टाग्राम की हिस्सेदारी 23% होगी. यह अनुमान विज्ञापनदाताओं के सर्वे पर आधारित है. इंस्टाग्राम कहानी के फार्मेट में अधिक विज्ञापन देता है इसलिए उसकी आय और अधिक बढ़ने की संभावना है. 2020 में वॉट्सऐप पर विज्ञापन शुरू हो जाएंगे. इस समय उसकी योजना डिजिटल करेंसी लिब्रा लॉन्च करने की है. ऐसे में हर किसी के मन में सवाल है कि घोटालों से घिरी फेसबुक ग्लोबल फाइनेंशियल करेंसी क्यों लॉन्च कर रही है? लेकिन कम्पनी का कहना है कि लोगों की चिंताओं का समाधान किए बिना लिब्रा लॉन्च नहीं की जाएगी.