जापान में युवक युवतियां इस काम के लिए कर रहे हैं कार का इस्तेमाल
जापान में कार शेयरिंग सर्विस तेजी से लोकप्रिय हो रही है। यानी कार किराए पर लो और मनमर्जी इस्तेमाल करो। किराया भी कम है। एक घंटे का करीब 8 डॉलर। यानी 560 रुपए। लेकिन लोग कार का इस्तेमाल यात्रा करने के लिए नहीं कर रहे हैं, बल्कि वे कार को एक किनारे खड़ा कर देते हैं।
इसमें लगे एसी और ऑडियो-वीडियो सिस्टम का फायदा उठाते हैं। गैजेट चार्ज करते हैं। कार में ही दोस्तों के साथ मीटिंग और गपशप कर रहे हैं। मनपसंद फिल्में देख रहे हैं। कई लोग तो तीन-चार घंटों की नींद कार में ही पूरी कर लेते हैं।
होटल के मुकाबले सस्ती है कार
दरअसल कार में उन्हें एकांत के साथ सारी सुविधाएं काफी सस्ती कीमत पर मिल रही हैं। कार शेयरिंग सर्विस देने वाली ऑरिक्स ऑटो कॉर्प को ग्राहकों के इस अजीब रवैये के बारे में तब पता चला, जब वे रेंट की कार को ट्रैक कर रहे थे। उन्होंने जानना चाहा कि कार किराए पर जाने के बाद जब चलाई ही नहीं जाती, तो ग्राहक इतने घंटे का किराया क्यों देते हैं? इसके लिए कंपनी ने अपने ढाई लाख से ज्यादा ग्राहकों का डेटा खंगाला।
इसी तरह की सेवा देने वाली दूसरी कंपनियों से भी बात की, तो पता चला कि उनके यहां भी ग्राहकों का रवैया कुछ इसी तरह का है। वहां के युवक युवतियों का कहना है कि इतनी कम कीमत पर कार मिलती है कि वे अपने दोस्तों से साइबर कैफे में मिलने के बदले कार में ही मिल लेते हैं। यही से वे घर पर वीडियो चैटिंग भी कर लेते हैं। वहीं ऑफिस में काम करने वाले लोग दफ्तर से मिली कुछ घंटे की छुट्टी को भीड़भरे रेस्तरां में बिताने के बजाए कार में ही झपकी लेते हुए और खाते हुए बिताना ज्यादा पसंद करते हैं।
इंग्लिश और सिंगिंग क्लासेज भी
किराए पर कार देने वाली कंपनी डोकोमो ने भी जब इसकी तहकीकात की, तो पता चला कि कुछ लोग कार का उपयोग टीवी देखने, हैलोवीन (भूत बनकर डराना) के लिए तैयार होने, गाना सीखने, अंग्रेजी में बातचीत करने के लिए करते हैं। कुछ तो मुंह बनाने-बिगाड़ने की कसरत के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैं।