आखिरी वोट डालने के बाद क्या होता है ईवीएम के साथ, जानिये यहाँ
चाहे कोई भी इलेक्शन हो आजकल वोटिंग खत्म होते ही राजनीतिक दल ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत शुरू कर देते हैं. इस लोकसभा चुनाव में भी 19 मई को आखिरी चरण की वोटिंग समाप्त होते ही कई राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से मिलकर ईवीएम में गड़बड़ी से जुडी अपनी आशंकाओं को जाहिर किया था. आइये हम आपको बताते हैं कि बूथ पर आखिरी वोट पड़ने के साथ ही ईवीएम के साथ क्या किया जाता है. पोलिंग बूथ पर आखिरी वोट पड़ने के बाद निर्वाचन अधिकारी ईवीएम पर क्लोज बटन दबाता है. जिसके बाद वह ईवीएम में दर्ज हुए वोट की संख्या पोलिंग एजेंट के साथ साझा करता है. इसके बाद ईवीएम को सील कर दिया जाता है. अर्धसैनिक बल ईवीएम को लेकर उसे पूरी हिफाजत के साथ स्ट्रॉन्ग रूम में रखते हैं. इसके बाद इस कमरे को भी सीलबंद कर दिया जाता है.
चुनाव में खड़े होने वाले कैंडिडेट या उनको रिप्रेजेंट करने वाले दल भी अगर चाहे तो इस कमरे पर अपनी सील लगा सकते हैं. इसके अलावा चुनाव आयोग उन्हें स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर कैम्पिंग की परमिशन भी देता है. अगर आपको याद हो तो दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी ने भी ईवीएम में छेड़छाड़ के डर से ऐसा ही कुछ किया था. ये ईवीएम 24 घंटे सीसीटीवी की निगरानी में रहते हैं. स्ट्रॉन्ग रूम मतगणना के दिन तक बंद ही रहते हैं जिसे सभी अधिकारियों की मौजूदगी में मतगणना के लिए खोला जाता है.
मतगणना शुरू करने से पहले कैंडिडेट्स को उनकी यूनिक आईडी वाली सील और ईवीएम की कंट्रोल यूनिट दिखाई जाती है. गिनती खत्म होने के बाद भी ईवीएम को वापस कम से कम 45 दिन के लिए स्ट्रॉन्ग रूम में रख दिया जाता है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि अगर किसी को रिजल्ट पर या मतगणना में गड़बड़ी का संदेह हो तो उसे दूर किया जा सके.