भूलकर भी प्रेमिका को चाँद न कहें, चाँद पर पड़ गयी हैं झुर्रियां

Spread the love

अमरीका के वैज्ञानिकों ने बताया है कि चंद्रमा धीरे-धीरे सिकुड़ रहा है और इसकी सतह पर दरारें भी देखी जा रही हैं. कुछ दरारें मीलों लंबी हैं और इनका उभार धूल भरे इलाक़े में दस मीटर से अधिक ऊंचाई तक का है.

नासा के एक उपग्रह से ली गई चंद्रमा की हज़ारों तस्वीरों के परीक्षण के आधार पर यह जानकारी दी गई है.नासा ने 2009 में चंद्रमा के अध्ययन के लिए लूनर रीकनायसेंस ऑर्बिटर का प्रक्षेपण किया था. इससे ली गई तस्वीरों का अध्ययन थॉमस वाटर्स की अगुवाई में स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन के वैज्ञानिकों ने किया है. वैज्ञानिकों का आकलन है कि चंद्रमा का व्यास 200 मीटर तक घटा है. आम तौर पर चंद्रमा का औसत व्यास 3,474 किलोमीटर बताया जाता है.

लम्बे समय से चल रही है यह प्रक्रिया

माना जाता है कि प्रकृति में जब चंद्रमा का निर्माण हुआ होगा, तब इसका बीच का हिस्सा काफ़ी गर्म था. जैसे-जैसे यह भाग ठंडा हुआ, चंद्रमा का आकार सिकुड़ता गया. अभी तक हमारे पास चंद्रमा के ठंडे होने के असली प्रमाण नहीं थे लेकिन सिकुड़ने की घटना चंद्रमा के ठंडे होने की प्रक्रिया को साबित करती है. वैज्ञानिकों के हाल के नतीज़ों से साबित होता है कि चंद्रमा के ठंडे होने की प्रक्रिया अभी भी चल रही है. इससे इसकी सतह पर दबाव पड़ रहा है जिससे दरारें पैदा हो रही हैं.

हालांकि वैज्ञानिकों के अनुसार यह कोई चिंता की बात नहीं है. भले ही चंद्रमा सिकुड़ रहा है लेकिन यह बहुत तेज़ गति नहीं हो रहा है. वैज्ञानिकों ने कुल 14 दरारों की पहचान की है. ये दरारें चंद्रमा के मध्य रेखा और ध्रुवों के आस-पास स्थित हैं. ये दरारनुमा आकृतियां काफ़ी स्पष्ट हैं और करीब एक अरब साल से कम पुरानी लगती हैं. चंद्रमा की आयु 4.5 अरब साल को देखते हुए ये दरारें नई हैं.

READ  हब्बल टेलिस्कोप ने खोजी अद्भुत सर्पिल आकाशगंगा

 

ब्रह्म मुहूर्त में जागते थे श्रीराम, जानें फायदे ( Brahma muhurta ke Fayde) , देखें यह वीडियो


हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें।

Spread the love
© Word To Word 2021 | Powered by Janta Web Solutions ®
%d bloggers like this:
Secured By miniOrange