स्पोर्ट्स वियर बनाने का धंधा ऐसा चल निकला कि बन गए आईपीएल के मर्केंनडाइज पार्टनर

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आज के समय के खेलों पर अगर नजर डालें तो हर खेल और खिलाड़ी का एक ड्रेस कोड नजर आता है। जिसे देखकर भी आसानी से लोग पहचान लेते हैं कि खिलाड़ी कौन से खेल से जुडा हुआ है। लेकिन कुछ सालों पहले तक ऐसा नहीं था। तब आज की तरह मार्केट में बने बनाए ब्रांड्स मौजूद नहीं थे जो खिलाड़ियों की जरूरत के मुताबिक़ कपडे बनाकर बेचते। उस समय खिलाड़ियों को अपने कपडे टेलर से सिलवाने पड़ते थे। ऐसे ही एक टेलर ने कपडे सिलते हुए अपनी एक विशाल कम्पनी खडी कर दी और आज वह आईपीएल की टीम के मर्केंडाइज पार्टनर भी हैं।

स्पोर्ट्स वेयर ब्रांड बनाने वाले शिव-नरेश (Shiv Naresh) के ओनर आरके सिंह कभी स्टेडियम के बाहर साइकिल पर स्पोर्ट वेयर बेचते थे। उस समय दिल्ली में कम बजट में खिलाडियों के लिए स्पोर्ट वेयर के विकल्प काफी कम थे। यहीं से उन्हें इस कारोबार की प्रेरणा मिली और एक दर्जी ने बड़ा ब्रांड खड़ा कर दिया। आज वह आईपीएल टीम केकेआर (KKR) के आधिकारिक मर्केंनडाइज पार्टनर हैं। शिव नरेश मैरी कॉम, अभिनव बिंद्रा, सुशील सिंह, विजेंदर सिंह जैसे खिलाडियों के लिए स्पोर्ट वेयर बना चुके हैं।

खेल जगत में है बड़ा नाम
देश में अभिनव बिंद्रा, सुशील सिंह, विजेंदर सिंह जैसे स्टार एथलीट, खेलों के साथ आर्मी, एयरफोर्स में ‘शिव-नरेश’ एक जाना-माना नाम है। आज शिव नरेश स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड आईपीएल टीम केकेआर के आधिकारिक मर्केंनडाइज पार्टनर है। यानी उनके पास केकआर टीम के कैप, टीशर्ट बनाकर बेचने का अधिकार है।

पिता ने बनाया ब्रांड
स्पोर्ट वेयर ब्रांड को इस मुकाम पर पहुंचाने के पीछे कंपनी के चेयरमैन और शिव सिंह के पिता आरके सिंह की कड़ी मेहनत है। कभी घर मे कपड़े सिलने का काम करने वाले सिंह शॉर्ट बनाकर कंधे पर लादकर खेल के मैदान में खिलाड़ियों को बेचने जाते थे।

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टेलरिंग से शुरू किया काम
आरके सिंह 1965 में डीसीएम केमिकल्स के मजदूर और एथलीट थे। वह कंपनी के खेल इवेंट में हिस्सा लेते थे। आर के सिंह ने बताया कि उनके दो बच्चे होने के बाद उनकी वाइफ ने ज्यादा कमाने के लिए कहा। तब उनकी पत्नी घर में कपड़े सिला करती थी। इनकम बढ़ाने के लिए उन्होंने वाइफ के साथ घर में ही कपड़े सिलने का काम शुरू कर दिया।

खिलाडियों को बेचते थे शॉर्ट्स
आर के सिंह पैंट, शर्ट के अलावा स्पोर्ट के लिए शॉर्ट सिलने लगे। तब उस समय स्पोर्ट शॉर्ट बने बनाए नहीं मिलते थे। सिंह ने कहा, ‘मैं शॉर्ट सिलकर बैग में भरके, जहां खेल होते थे, वहां खिलाड़ियों के बीच बेचता था।’ उन्होंने कहा कि तब शॉर्ट ज्यादा नहीं मिलते थे, इसलिए बिक जाते थे। काफी साल तक वह ऐसा करते रहे।

500 रुपये में खोली टेलरिंग की दुकान
साल 1987 में ‘शिव-नरेश’ ने दिल्ली के कर्मपुरा में अपनी टेलरिंग की दुकान खोली। तब उनका निवेश सिर्फ 500 रुपये था। उस दौरान वह जगह-जगह होने वाले स्पोर्ट इवेंट में खिलाड़ियों को स्पोर्ट वेयर बेचते थे। इन्हीं खिलाड़ियों के जरिए उन्हें आर्मी, एयरफोर्स में सप्लाई करने के ऑर्डर मिलने लगे। उस समय तक वह फैमिली के साथ मिलकर स्पोर्ट वेयर बनाते थे।

स्पोर्ट वेयर में दिखा स्कोप
साल 1991 में उनके बेटे शिव सिंह ने टेलिरंग के कारोबार को ज्वाइन किया। शिव सिंह ने इंजीनियरिंग की थी और वह सरकारी नौकरी करते थे। ‘उस समय सरकारी नौकरी छोड़कर टेलरिंग से जुड़ने का फैसला लेना आसान नहीं था। लेकिन मुझे इस कारोबार में स्कोप दिखा। पिताजी ने खेल के मैदान में कपड़े बेचकर काफी सारा ग्राउंड वर्क कर रखा था।

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शिव सिंह ने क्वालिटी को बेहतर करने और प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए कोरिया, ताइवान से रॉ मटेरियल और मशीनें खरीदी। अपने प्रोडक्शन का स्तर बढ़ाया। इस समय तक पीटी उषा, धनराज पिल्लै, कर्णम मल्लेश्वरी जैसे खिलाड़ी उनका ब्रांड पहनने लगे थे। इसके बाद उन्हें कभी पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा।

कौन हैं शिव नरेश
‘शिव-नरेश’ भारतीय ओलिंपिक टीम, हॉकी टीम, टेनिस प्लेयर, बैडमिंटन को स्पोर्ट वेयर सप्लाई करते हैं। शिव नरेश स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड का टर्नओवर करीब 70 करोड़ रुपये है। उनके 800 से अधिक कर्मचारी हैं। ‘शिव-नरेश’ सालाना करीब 8.50 लाख स्पोर्ट वेयर बनाती है। कंपनी यूरोप, अमेरिका, एशियाई, अफ्रीकी देशों में एक्सपोर्ट भी करती है। कंपनी की चार फैक्ट्री हैं। कंपनी बीजिंग ओलिंपिक और लंदन ओलिंपिक में एथलीटों को स्पोर्ट वेयर सप्लाई कर चुकी है। वह उनकी स्पॉन्सर भी रही है। कंपनी दिल्ली डेयरडेविल्स की भी स्पॉन्सर रही है। आईपीएल की तर्ज पर दुबई और वेस्ट इंडीज में होने वाले क्रिकेट टूर्नामेंट की टीमों को स्पोर्ट वेयर सप्लाई करती है।

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