पैरों में जलन की अनदेखी ना करें, ये हो सकती हैं वजहें
पैरों में जलन की समस्या को आमतौर पर छोटी समस्या माना जाता है और कुछ लोग यह भी मान लेते हैं कि यह अपने आप ठीक हो जाएगी। लेकिन यह समस्या शरीर के अन्य हिस्सों में भी तकलीफ पैदा कर सकती है। हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में कई बार ऐसा होता है कि हमें आने वाली बीमारी का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं लग पाता। अकसर बहुत से लोग पैरों की जलन से जूझ रहे होते हैं और इसकी अनदेखी भी कर रहे होते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि पैरों में जलन की वजह कुछ और भी हो सकती है। विटामिन बी, फोलिक एसिड या कैल्शियम की कमी भी इसके कारण हो सकते हैं। यह समस्या सिर्फ एक ही आयु के लोगों में नहीं होती, बल्कि किसी भी आयु में हो सकती है।
क्या हैं इसके कारण
- पैरों में जलन हल्के से लेकर गंभीर और तीव्र या क्रोनिक प्रकृति की हो सकती है। अकसर पैरों में जलन तंत्रिका तंत्र में नुकसान या शिथिलता के कारण होती है।
- पैरों में जलन का एक कारण न्यूरोपैथी बीमारी भी हो सकती है, क्योंकि न्यूरोपैथी का असर सभी नसों, मोटर न्यूरॉन्स आदि पर पड़ता है। इसलिए यह आवश्यक रूप से सभी अंगों और तंत्रों को प्रभावित कर सकती है। इसमें पैरों में दर्द, जलन, चुभन काफी संवेदनशील तरीके से महसूस होती है।
- विटामिन बी12 तंत्रिका तंत्र के कार्यों सहित हमारे शरीर के कई कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए बी12 झुनझुनी के साथ पैरों में जलन और बाहों में जलन का कारण बन सकता है।
- उच्च रक्तचाप के कारण भी पैरों में जलन हो सकती है। उच्च रक्तचाप के कारण रक्त परिसंचरण में परेशानी होती है। इससे त्वचा के रंग में परिवर्तन, पैरों की पल्स रेट में कमी और हाथ-पैरों के तापमान में कमी होती है, जिससे पैरों में जलन की समस्या महसूस हो सकती है।
- गुर्दे से जुड़ी बीमारी होने पर पैरों में जलन होना स्वाभाविक है।
- अगर थाइरॉइड हार्मोन का स्तर कम हो तो भी पैरों में जलन की समस्या हो सकती है।
- दवाओं का दुष्प्रभाव, एचआईवी की दवाएं लेने और कीमोथेरेपी की दवा खाने से भी पैरों में जलन होने लगती है।
- अगर व्यक्ति की रक्त वाहिकाओं में संक्रमण हो, तब भी उसके पैरों में जलन या तेज जलन हो सकती है।
- ज्यादातर लोगों में पैरों में जलन का मुख्य कारण डायबिटीज होता है। ऐसे लोगों में इस बीमारी के निदान के लिए किसी अतिरिक्त परीक्षण की जरूरत नहीं पड़ती और उपचार कर रहा डॉक्टर इस स्थिति पर तुरंत नियंत्रण कर लेता है।
- कुछ लोगों को अचानक ही पैरों में जलन होने लगती है। कई बार यह अधिक बढ़ जाती है। ऐसे लोगों के सही उपचार के लिए विशेषज्ञ पूरी जांच करवाने और सही उपचार की सलाह देते हैं।
अपनाइए ये घरेलू उपचार
सिरका भी पैरों की जलन से छुटकारा दिलाता है। एक गिलास गर्म पानी में दो बड़े चम्मच कच्चा व अनफिल्टर्ड सिरका मिलाकर पिएं। ऐसा करने से आपके पैरों की जलन दूर हो जाएगी।
सेंधा नमक पैरों की जलन से तुरंत राहत देने में मदद करता है। मैग्नीशियम सल्फेट से बना सेंधा नमक सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है। इसके लिए एक टब गुनगुने पानी में आधा कप सेंधा नमक मिलाकर अपने पैरों को उसमें डालें। इस मिश्रण में अपने पैरों को 10 से 15 मिनट के लिए भीगा रहने दें। इस उपाय को कुछ दिनों के लिए नियमित रूप से करें। सेंधा नमक के पानी का इस्तेमाल डायबिटीज, उच्च रक्तचाप या दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए उपयुक्त नहीं होता। इसलिए इसके इस्तेमाल से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
सरसों का तेल एक कुदरती औषधि होता है, जो पैरों की जलन को दूर करने में मदद करता है। एक कटोरी में दो चम्मच सरसों का तेल लें। अब इसमें दो चम्मच ठंडा पानी या बर्फ का एक टुकड़ा डाल कर अच्छे से मिलाएं। अब इससे अपने पैरों के तलवों की मसाज करें। सप्ताह में दो बार ऐसा करने से आपको आराम मिलेगा।
शाकाहारी लोगों को अपने खानपान का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। उन्हें दूध, दही, पनीर, चीज, मक्खन, सोया मिल्क या टोफू का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। मांसाहारी लोगों को अंडे, मछली, रेड मीट, चिकन और सी फूड से विटामिन बी12 भरपूर मात्रा में मिल जाता है।
लौकी को काटकर इसका गूदा पैर के तलवों पर मलने से जलन दूर होती है।
पैरों में जलन होने पर करेले के पत्तों के रस की मालिश करने से लाभ होता है।
हल्दी में भरपूर मात्रा में पाया जाने वाला तत्व करक्यूमिन पूरे शरीर में रक्त प्रवाह में सुधार करता है। हल्दी में मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पैरों की जलन और दर्द को दूर करने में मदद करता है। हल्दी को दूध के साथ भी ले सकते हैं।