पत्नी ने कैसे अपने पति को सिखाया सबक, जानिये यहाँ
पुराने समय में एक नवाब थे। घर-परिवार और समाज में सभी उनकी बड़ी इज्जत करते थे। एक दिन नवाब ने उनकी बेगम से कहा कि तुम्हें मेरी वजह से ही हर जगह इज्जत मिलती है। पत्नी ने जवाब दिया कि मैं एक मिनट में आपकी इज्जत खराब कर सकती हूं। नवाब बोला कि ठीक है ऐसा करके बताओ। थोड़ी देर में दोनों का गुस्सा शांत हो गया और कुछ दिन बीत गए।
एक शाम नवाब अपने दोस्तों के साथ महफिल में बैठे हुए थे। तभी अंदर कमरे से उनके बेटे के रोने की आवाज आ रही थी। नवाब ने पूछा कि बेगम क्या हुआ, बच्चे को डांट क्यों रही हो?
बेगम ने अंदर से ही जवाब दिया कि ये खिचड़ी मांग रहा है। जबकि इसने पेटभर खाना खा लिया है। नवाब ने कहा कि ठीक है उसे थोड़ी सी खिचड़ी दे दो। बेगम ने कहा कि घर में और भी लोग हैं, सभी बच्चे को कैसे दे दूं?
ये सब बातें नवाब के दोस्त सुन रहे थे। उन्होंने सोचा कि ये कैसा नवाब है, घर में थोड़ी सी खिचड़ी के लिए झगड़ा हो रहा है। सभी दोस्त चुपचाप उठकर चले गए। नवाब को समझ आया कि आज बेगम की वजह से उसकी इज्जत खराब हो गई। वह अपनी बेगम के पास गया और बोला कि तुमने अपनी बात साबित कर दी। अब मेरी इज्जत वापस लाकर दिखाओ। पत्नी ने कहा कि ठीक अपने दोस्तों को कल फिर बुला लेना।
अगले दिन फिर नवाब के दोस्त आ गए और फिर बच्चे के रोने की आवाज आई। नवाब ने पूछा बेगम आज क्या हुआ इसे? अंदर से बेगम ने जवाब दिया कि ये आज फिर खिचड़ी के लिए रो रहा है। नवाब ने कहा कि ठीक है, इसे भी खिचड़ी खिलाओ और मेरे दोस्तों के लिए भी लेकर आओ।
बेगम तुरंत ही एक नौकर को लेकर बड़े बर्तन में खिचड़ी लेकर आ गई। दोस्तों ने देखा कि ये कोई सामान्य खिचड़ी नहीं है। खिचड़ी में सूखे मेवे, मावा, खजूर, पिस्ता, काजू-बादाम, किशमिश आदि चीजे दिखाई दे रही थी। सभी दोस्तों ने सोचा कि नवाब साहब का जवाब नहीं है। पत्नी की वजह से नवाब साहब कि इज्जत फिर बढ़ गई।
कथा की सीख
इस कथा की सीख यही है कि वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी दोनों समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। पति को अपनी पत्नी की भावनाओं की भी कद्र करनी चाहिए। पत्नी के सहयोग के बिना पति को घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान नहीं मिल सकता है।