रिटायरमेंट सेंचुरी जहाँ हाथी सुनते हैं म्यूजिक
पॉल ब्रॉटन ब्रिटेन के रहने वाले हैं. लेकिन हर रोज वे बीमार, घायल, बुजुर्ग और बचाए गए हाथियों के लिए थाईलैंड के शहर कंचनाबूरी की एलीफेंट वर्ल्ड सेंचुरी में पियानो बजाते हैं. पियानो की धुन यहां के हाथियों को बहुत भाती है. अक्सर यहाँ हाथियों को इनकी पियानो की धुन पर झूमते हुए देखा जा सकता है.
यहां 65 साल का एक हाथी भी है जिसका नाम है लाम दुआन. लाम दुआन काफी बुजुर्ग और असहाय हो चुका है. यहाँ ऐसे और भी कई हाथी हैं. इसलिए थाईलैंड के पश्चिमी प्रांत में स्थित इस सेंचुरी को पशुओं की रिटायरमेंट सेंचुरी भी कहा जाता है. इस एलिफेंट वर्ल्ड में हाथियों को अच्छे भोजन और उपचार के साथ-साथ म्यूजिक की अतिरिक्त सुविधा दी जाती है. हैरानी की बात है कि हाथियों को संगीत की ये थेरेपी पसंद भी खूब आती है.
ये हाथी पियानो की धुन सुन-सुन कर अपने नाश्ते का लुत्फ उठाते रहे हैं. थाईलैंड, कंबोडिया, भारत, लाओस, नेपाल और श्रीलंका के पर्यटन स्थलों में रहने वाले तकरीबन 3,000 हाथियों में से 80 फीसदी खराब स्थिति में जी रहे हैं. उन्हें पर्याप्त भोजन भी नहीं मिलता. ऐसे में इस सेंचुरी का काम वाकई सराहने योग्य है.
सेंचुरी में पेड़ पौधों के बीच पियानो सेट करना पॉल के लिए आसान नहीं होता. हाथियों के पास तक पियानो पहुंचाने में कड़ी मशक्कत की जाती है. फिर भी इन सारी दिक्कतों के बाद पॉल अपने हाथी दोस्तों के लिए हफ्ते में कई बार आते हैं और अपनी पियानो की मधुर धुनों के साथ उनका मनोरंजन करते हैं.
पॉल कहते हैं, “हो सकता है कि मेरे संगीत से इन कमजोर और अंधे हाथियों को कुछ राहत मिले.” पॉल के इन दोस्तों का ख्याल रखने के लिए उनका परिवार भी पहुंचता है. पॉल की चार साल की बेटी एमिली भी अपनी छोटी-छोटी उंगलियों से पियानो बजाती है. पियानो की धुन सुनकर कई हाथी सिर भी हिलाते हैं.
44 साल की महिला सामार्ट प्रस्थिपोल इस सेंचुरी की मालिकन है. उनका मानना है कि संगीत इन हाथियों को खास आराम देता है. वह कहती हैं, “हम हाथियों के शरीर का उपचार कर सकते हैं लेकिन संगीत उनकी आत्मा को राहत पहुंचाता है.”