पेट्रोल नहीं पानी से चलती है ये कार और बाइक

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इस समय पेट्रोल और डीजल के लगातार बढ़ते दामों से प्रत्येक व्यक्ति परेशान है. लोग सोचते हैं कि कुछ ऎसा हो कि पानी से ही सब वाहन चलने लगे. तो खुश हो जाइये क्योंकि ऎसा हो चुका है, ब्राजील के साओ पाओलो में रहने वाले एक व्यक्ति ने यह कारनामा कर दिखाया है.

बना दी पानी से चलने वाली बाइक

साओ पोलो में रहने वाले रिकार्डो एजवेडोइस नाम के इस व्यक्ति ने एक ऎसी बाइक बनाई जो पानी से चलती है. इतना ही नहीं बल्कि इस बाइक का माइलेज भी चौंकाने वाला है. रिकार्डो ने अपनी इस पानी से चलने वाली बाइक का नाम टी पावर एच2ओ रखा है.

1 लीटर में 500 किलोमीटर

रिकार्डो द्वारा बनाई गई यह बाइक एक लीटर पानी में 500 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है. इस अनोखी बाइक का एक वीडियो भी यूट्यूब पर अपलोड किया गया है. इस बाइक में एक बैटरी लगी है.

ऎसे चलती है पानी से

इस बाइक में पानी डालने पर बैटरी के जरिए यह हाइड्रोजन बनाती है. इसी हाइड्रोजन से बाइक चलती है. बाइक के इंजन में इस हाइड्रोजन को ईधन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. रिकार्डो अब अपनी बाइक की टेस्टिंग के लिए तैयार हैं, इसके बाद अगर ये बाइक सफल हुई तो दुपहिया वाहन क्षेत्र में नई क्रांति आ सकती है.

भारत में भी हो चुका है ये कमाल

मध्य प्रदेश के सागर जिले में रहने वाले मैकेनिक रईस मकरानी ने एक ऐसी कार बनाई है, जो पानी से चलती है। यदि उनके प्रयास सही रहे, तो आने वाले सालों में यह सड़क पर चलती दिखेगी। पानी से चलने वाली इस कार का निर्माण मध्य प्रदेश के 44 वर्षीय मैकेनिक रईस मकरानी ने किया है। इस कार में चार लोग बैठ सकते हैं।

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फॉर्मूले को पेटेंट कराने के लिए उन्होंने 2013 में इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑफ इंडिया के मुंबई स्थित ऑफिस में अर्जी भी लगाई थी। उन्हें इसका पेटेंट मिल गया है।

चीन के सियाग शहर से इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनी कोलियो के एमडी सुमलसन ने इस फॉर्मूले पर उनके साथ मिलकर काम करने का प्रस्ताव रखा था। कंपनी ने बड़े स्तर पर फॉर्मूला तैयार कर चीन में ही लॉन्च करने के उद्देश्य से उन्हें बुलाया था। लेकिन मकरानी ने चीन के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और भारत में ही और खासकर सागर में तैयार कर लॉन्च करने की शर्त कंपनी के सामने रखी। उन्होंने कंपनी से बड़े स्तर पर पानी और कार्बाइड से एसिटिलीन बनाकर इसे इलेक्ट्रिक एनर्जी लिक्विड फ्यूल में बदलकर देने पर बात की है। यदि कंपनी तैयार हो गई तो पानी से बने फ्यूल से चलने वाली पहली कार होगी।

दुबई की कंपनी से भी आया था ऑफर

2013 में दुबई की इन्वेस्टमेंट कंपनी लस्टर ग्रुप ने भी उन्हें इस फॉर्मूले पर काम करने के लिए सहयोग करने का ऑफर दिया था। लेकिन भारत में रहकर फॉर्मूला तैयार और लॉन्च करने की बात को लेकर सहमति नहीं बन पाई थी।

ऐसे तैयार की पानी से चलने वाली कार

मकरानी ने पेट्रोल इंजन में फेरबदल के बाद एसिटिलीन से चलने वाला इंजन बनाया। कार में पीछे की तरफ एक सिलेंडर लगाया है। इसमें पानी और कैल्शियम कार्बाइड को मिलाकर एसिटिलीन पैदा किया जाता है। कुछ ही देर में एसिटिलीन बनते ही कार चलने लगती है।

गैस वेल्डिंग करते वक्त सूझा यह आइडिया

रईस के मुताबिक, उन्हें गैस वेल्डिंग करने के दौरान पानी से कार चलाने का आइडिया सूझा। गाड़ी के इंजन के पिस्टन को चलाने के लिए आग और करंट चाहिए। वेल्डिंग में भी कैल्शियम कार्बाइड और लिक्विड के मिलने से आग पैदा होती है। उसने अपनी पेट्रोल कार के इंजन में हल्का फेरबदल किया और गाड़ी के फ्यूल टैंक में पेट्रोल के बजाय पानी और कैल्शियम कार्बाइड की पाइप लगा दी। इसके बाद गाड़ी को स्टार्ट करके देखा तो इंजन ऑन हो गया। इस तकनीक को विकसित करने में करीब पांच साल लग गए। अब उसकी कार 20 लीटर पानी और 2 किलो कैल्शियम कार्बाइड के मिश्रण से तैयार ईंधन से 20 किलोमीटर चलती है।

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