चंद्रमा के अँधेरे क्षेत्रों में उतरे चीनी स्पेसक्राफ्ट को दिखा ये नजारा
चंद्रमा का वो हिस्सा जो धरतीवासियों की नजर से दूर रहता है, वहां चीन ने अपना स्पेसक्राफ्ट उतारा है। इस बात की जानकारी गुरुवार को चीन के स्टेट टीवी ने दी। यह उपलब्धि अंतरिक्ष में सुपरपावर बनने की दिशा में चीन के बढ़ते कदम की गवाह है। गौरतलब है कि चांग इ-4 और चंद्रयान-2 दोनों ही ‘सबसे पहले’ चंद्रमा की धरती पर उतरना चाहते थे। क्योंकि चांद के इस हिस्से के बारे में अभी तक कोई पुख्ता जानकारी उपलब्ध नहीं है।
चीनी स्टेट टीवी के मुताबिक बीजिंग समयानुसार सुबह 10.26 बजे द चैंग ई-4 प्रोब चंद्रमा के अंधेरे हिस्से पर उतरा। इसके बाद उसने क्विकियाओ सैटेलाइट को चांद के उस हिस्से की तस्वीरें भी भेजीं। सैटेलाइट जल्द ही इन तस्वीरों को धरती पर कंट्रोलर्स को भेजेगा। धरतीवासियों की नजर से दूर रहने वाले इस हिस्से में अधिक पहाड़ी और पथरीला क्षेत्र है, जबकि चंद्रमा के उजले हिस्से में समतल क्षेत्र अधिक है।
यह चंद्रमा पर पहुंचने वाला चीन का दूसरा प्रोब है। इसे दिसंबर में शिचांग लांच सेंटर से यात्रा के लिए रवाना किया गया था। इससे पहले 2013 में युतु रोवर मिशन भेजा गया था। इस प्रोब में चीन की ओर से छह प्रयोग किए जाएंगे और चार विदेशी प्रयोग होंगे। चीन के नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने बताया कि प्रोब चंद्रमा पर लो फ्रीक्वेंसी रेडियो एस्ट्रोनॉमिकल अध्ययन के अलावा मिनरल और रेडिएशन टेस्ट भी करेगा।
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क्यों रहता है चांद की एक ओर अंधेरा
चांद का हमेशा एक ही हिस्सा हमें इसलिए दिखता है, क्योंकि जिस गति से वह पृथ्वी के चक्कर लगाता है, उसी गति से अपनी धुरी पर भी चक्कर लगाता है। यही कारण है कि चांद का एक हिस्सा हमें नहीं दिखाई देता है। बताया जाता है कि चंद्रमा का अनदेखे हिस्सा मानव के बसने के लिए आदर्श है क्योंकि यहां पानी बर्फ के रूप में रहता है। यान से बंधा लैंडर से बंधे जर्मन विकिरण डिटेक्टर यह परीक्षण करेंगे कि लोगों के लिए लंबे समय तक जीवित रहना कितना खतरनाक होगा। रोवर सौर पैनलों द्वारा संचालित होता है और उसके ऊपर एक कैमरे होता है जो लगातार छवियों को कैद करता है और दृश्यमान और अवरक्त प्रकाश को मापकर चंद्रमा के चट्टान के रासायनिक मिश्रण का विश्लेषण करेगा।
चीन सेना द्वारा संचालित स्पेस प्रोग्राम के लिए भारी राशि खर्च कर रहा है। उसकी योजना 2022 तक क्रू वाला स्पेस स्टेशन सेटअप करने और उसके बाद चंद्रमा पर मानव मिशन भेजने की है। लूनर प्रोब मिशन का नाम द चैंग ई-4 चीनी पौराणिक कथाओं में बताई गई चंद्रमा की देवी के नाम पर रखा गया है।