जानिये इन दस दुर्लभ पौधों के बारे में जिनसे अब तक था विज्ञान अनजान

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जाते जाते यह साल हमें बहुत सी अनोखी चीजें दे गया है. जहाँ विज्ञान की दुनिया में कई अनोखी चीजें दुनिया बदलने को तैयार है वहीं चिकित्सा जगत ने अनेक घातक बीमारियों के लिए नयी नयी दवाएं खोजी. ऐसे में पौधों पर शोध करने वाले और उनका संरक्षण करने वाले लोग भला क्यों पीछे रहते? बीते कई सालों में पौधों की कई दुर्लभ प्रजातियों की खोज की गयी है. साल 2018 की बात की जाए तो लंदन के क्यू ज़िले में स्थित रॉयल बोटेनिक गार्डन के वैज्ञानिकों ने 100 से अधिक नए पौधों की खोज की. सिएरा लियोन के राष्ट्रीय वनस्पति संग्रहालय के प्रोफेसर अइया लेबी ने सिएरा लियोन के झरने के पास एक पौधा देखा जो झरने की चट्टान से चिपका हुआ था. उन्होंने उस पौधे के नमूने को इकट्ठा किया और उसे क्यू भेजा. यहां इस पौधे को एक नई प्रजाति के रूप में पहचाना गया. इस पौधे का नाम अइया लेबी के नाम पर ही लेब्बिया ग्रेंडीफ्लोरा रखा गया. यह पौधा बाकी पौधों से काफी अलग है, झरने के पास मिलने वाले पौधों से अलग होने की वजह से ही रिसर्चर्स की नज़र इस पर पड़ी, और अब इसके खोजकर्ता का नाम इसके साथ हमेशा के लिए जुड़ गया है. इस पौधे को बेहद दुर्लभ और लुप्त होने वाले पौधे के तौर पर माना गया है. ये एक ऐसे इलाके में पाया गया हैं जहां खनन और हाइड्रो-इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का ख़तरा बना हुआ है. इसकी वजह से वैज्ञानिकों का मानना है कि ये पौधे कुछ सालों में लुप्त हो सकते हैं. पृथ्वी पर मौजूद पौधों की हर एक प्रजाति हमारे अस्तित्व के लिए बेहद ज़रूरी है. अगर हम हम इनका संरक्षण नहीं करेंगे तो इसका मतलब होगा हम अपनी दुनिया को खोने जा रहे हैं.

बग ईटर या कीड़े खाने वाले पौधे

दुनिया में पिचर प्लांट यानी कीड़ों को खाने वाले पौधों की 150 से अधिक प्रजातियां हैं. इसी तरह के एक और पिचर प्लांट की खोज इंडोनेशिया के बियाक नामक छोटे से द्वीप में हुई है. इसका नाम नेपेंथेस बियाक है. इन पौधों को असल नुकसान तब होने लगा जब इस द्वीप पर पर्यटकों के जहाज़ रुकने लगे. ऐसा माना जाता है कि पर्यटकों ने अपने लिए रास्ता बनाने की कोशिश की होगी, जिसके चलते ये पौधे तोड़ दिए गए. इन पौधों को संरक्षित करने की ज़रूरत है. इन पौधों को भविष्य के लिए बचाकर रखना हमारा ही काम है. ये पिचर प्लांट कई तरह की दवा बनाने के काम आते हैं.

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कैंसर से बचाने वाला फूल

इस नए पौधे का नाम किंडिया गंगन है, ये कॉफ़ी की एक प्रजाति है. यह पौधा क्यू के वैज्ञानिकों को पश्चिमी अफ़्रीका के किंडिया शहर में एक फील्ड ट्रिप के दौरान मिला. वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि इस पौधे में औषधीय गुण हैं जो कैंसर के इलाज में कारगर साबित हो सकते हैं.

जंगलों से तस्करी होने वाला ऑर्चिड

लाओस में पाया गया कि शानदार ऑर्किड का पौधा. इस पौधे को जंगल से तस्करी कर बेचा जा रहा था. इसे स्लिपर ऑर्किड भी कहा जाता है और वैज्ञानिकों ने इसका नाम पैफिओपेडिलम पैपिलीओ-लाओटियस रखा है. यह एक बेहद दुर्लभ पौधा है.

एक पुरानी फ़ोटो से मिला जिमीकंद

ऊपर की ओर उगने वाला जिमीकंद का पौधा, जिसे दुनिया के कई हिस्सों में एक फल की तरह इस्तेमाल किया जाता है. इस पौधे को सबसे पहले एक तस्वीर में देखा गया जो साल 2002 में क्यू भेजी गई थी. एक दशक से भी अधिक समय के बाद इस पौधे से जुड़े कई नमूनों को मिलाया गया.
बैंगनी रंग के फूल वाले इस पौधे का नाम डायोस्कोरिया हर्तेरी रखा गया जो कि दक्षिण अफ्रीका के क्वाज़ुलुलु-नटाल के छह स्थानों पर पाया गया. ये विलुप्त होने की प्रजातियों में शामिल है.

वियतनाम का थरथराने वाला फूल

ये एक नई प्रजाति का पौधा है जिसका नाम ओरियोचेरिस ट्राईब्रेक्टिटा रखा गया है. इसे उत्तरी वियतनाम में देखा गया. बाद में वैज्ञानिकों ने इसे ब्रिटेन में भी उगाया.

वर्षावन के पेड़

पश्चिमी अफ्रीका के वर्षावन में एक पेड़ को बढ़ते देखा गया. बसंत ऋतु में इस पेड़ पर गुलाबी रंग के फूल देखे गए. इस पौधे का नाम तालबोटेला चीकी रखा गया और विज्ञान की दुनिया साल 2015 तक इससे अनजान थी.

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मसालों का पेड़


पिमेंटा बर्सिलिया नामक इस पेड़ का संबंध आलस्पाइस (ये काली मिर्च जैसा मसाला है) से है जो खाने में प्रयोग होने वाले मसाले के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा इसका प्रयोग सौंदर्य उत्पादों में भी होता है.

गुलाबी फूल वाला पौधा

गुलाबी फूल वाला ये पौधा बोलिविया की घाटी में देखा गया था.

विलुप्त पेड़

कैमरून में पाया जाने वाला एक पेड़ वेप्रिस बाली केवल बामेंडा की पहाड़ियों के जंगलों में ही देखने को मिलता था. ऐसा माना जाता है यहां हुए निर्माण कार्यों की वजह से यह पेड़ विलुप्त हो गया है.

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