इन उपायों से दूर भागेगा डेंगू

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डेंगू का प्राकोप आजकल बहुत तेजी से फैल रहा है. यह बीमारी एडीज मच्छर द्वारा काटने से होती है. डेंगू के बारे में सबसे खास बात यह है कि इसके मच्छर दिन के समय काटते हैं तथा यह मच्छर साफ पानी में पनपते हैं. डेंगू के दौरान रोगी के जोड़ों और सिर में तेज दर्द होता है और बड़ों के मुकाबले यह बच्चों में ज्यादा तेजी फैलती है. डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स का स्तर बहुत तेजी से नीचे गिरने के कारण यदि इसका इलाज तुरंत न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है. डेंगू से बचाव के लिए कुछ घरेलू उपाय भी हैं जिन्हें अपनाकर डेंगू से बचाव संभव है. हम आपको कुछ ऐसे ही घरेलू और प्राकृतिक नुस्खे बता रहे हैं ताकि आप खुद को डेंगू के प्रकोप से बचा सकें.

डेंगू बुखार के लिए पपीते के पत्ते

पपीते की पत्तियों को डेंगू के बुखार के लिए सबसे असरकारी दवा कही जाती है. पपीते की पत्तियों में मौजूद पपेन नामक एंजाइम शरीर की पाचन शक्ति को ठीक करता है, साथ ही शरीर में प्रोटीन को घोलने का काम करता है. इसके अलावा इस जूस से प्लेटलेट्स की मात्रा तेजी से बढ़ती है.डेंगू के उपचार के लिए पपीते की पत्तियों का ताजा जूस निकाल कर एक-एक चम्मच करके रोगी को दें. पपीते का पेड़ आसानी से मिल जाता है.

प्रभावशाली दवा है बकरी का दूध

बकरी का दूध बहुत से लोगों को भले ही पसंद न हो लेकिन इसके फायदे बहुत हैं. डेंगू बुखार के लिए बकरी का दूध एक और बहुत ही प्रभावशाली दवा है. बकरी के दूध में गिरते हुए प्‍लेटलेट्स को तुरंत बढ़ाने की क्षमता होती है. डेंगू के उपचार के लिए रोगी को बकरी का कच्चा दूध थोड़ा-थोड़ा करके पिलाएं, इससे प्लेटलेट्स बढ़ने के साथ-साथ जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलेगा.

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गिलोय की पहचान
गिलोय आयुर्वेद में मौजूद सबसे महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों में से एक है। यह भारतीय टीनोस्पोरा (Indian Tinospora) या गुदुची (Guduchi) के रूप में जाना जाता है. गिलोय को अक्सर अमृता बुलाया जाता है, जो अमृत का भारतीय नाम है. यह विभिन्न प्रकार के प्रयोजनों और रोगों के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है. हो सकता है आपने गिलोय की बेल देखी हो लेकिन जानकारी के अभाव में गिलोय की पहचान नहीं कर पाए हों. गिलोय का पौधा एक बेल के रूप में होता है और इसकी पत्त‍ियां पान के पत्ते की तरह होती हैं. जैसा कि हमने पहले बताया है गिलोय के औषधीय गुण कई प्रकार की बीमारियों को ठीक करने में उपयोग किए जाते हैं. गिलोय के कुछ महत्वपूर्ण फायदे अब हम बताने जा रहे हैं.

गिलोय के फायदे डेंगू के उपचार में –

गिलोय का एक अन्य लाभ यह है कि यह लंबे समय से चले आ रहे ज्वर और रोगों का इलाज करता है. क्योंकि इसकी प्रकृति ज्वरनाशक है, इसलिए यह जीवन को खतरे में डालने वाली बीमारियों के संकेतो और लक्षणों को कम करता है. यह आपके रक्त में प्लेटलेट्स की गिनती को बढ़ाता है और डेंगू बुखार के लक्षण को भी दूर करता है. गिलोय के साथ तुलसी के पत्ते प्लेटलेट की गिनती को बढ़ाते हैं और डेंगू से लड़ते हैं. गिलोय के अर्क और शहद को एक साथ मिलाकर पीना मलेरिया में उपयोगी होता है. बुखार के लिए 90% आयुर्वेदिक दवाओं में गिलोय का उपयोग एक अनिवार्य घटक के रूप में होता है.

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