जानिये दूसरी सबसे कम उम्र की शान्ति नोबेल पुरस्कार विजेता मुराद को
25 वर्षीय इराकी कार्यकर्ता नादिया मुराद नोबेल शान्ति पुरस्कार प्राप्त करने वाली दूसरी सबसे कम उम्र की विजेता हैं. उन्हें यह पुरस्कार कांगो के डेनिस मुक्वेगे के साथ संयुक्त रूप से दिया गया है. डेनिस ने हजारों रेप विक्टिम्स का इलाज कर उन्हें वापस सामान्य जिंदगी जीने में मदद की है. नादिया से पहले यह पुरस्कार पाकिस्तान की 17 वर्षीय मलाला यूसुफ़जई को दिया गया था. यहाँ तक पहुँचने की नादिया की डगर आसान नहीं रही है. 2014 में उन्हें आईएसआईएस आतंकियों ने अपहृत कर लिया था. इसके बाद उन्होंने कई दिनों तक उन्होंने उनका बलात्कार किया. डेनिस ने ही नादिया का भी इलाज किया था. 2016 में मुराद ने ही एक यूएन गुडविल एम्बेसडर के तौर पर ब्रिटेन को यजीदियों की मदद करने के लिए प्रोत्साहित किया था. इसके लिए उन्होंने जर्मनी की पहल की सराहना की. असल में जर्मनी ने 2015 में उन 1000 यजीदी औरतों और बच्चों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए थे जो आईएसआईएस के चंगुल से अपनी जान बचाकर भागने में सफल हुए थे. मुराद ने ब्रिटेन को भी ऐसा ही करने के लिए प्रेरित किया. नादिया भी उन 3000 यजेदी महिलाओं में से एक हैं जिन्हें लगातार बलात्कार और अत्याचारों का सामना करना पड़ा. मुक्वेगे लगातार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी घटनाओं की निंदा करते रहे हैं और रेप विक्टिम्स को सामन्य जिंदगी जीने में मदद करते हैं.
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