क्या है एलजीबीटी के इंद्रधनुषी झंडे के रंगों के मतलब
दुनिया भर में एलजीबीटी यानी लेस्बियन-गे-बाईसेक्शुअल-ट्रांसजेंडर्स के लिए उनका इंद्रधनुषी झंडा उनकी पहचान है. दुनिया भर में इस समुदाय के लोग कई तरह के झंडे इस्तेमाल करते हैं लेकिन 1978 में कलाकार गिल्बर्ट बेकार द्वारा निर्मित एलजीबीटी इंद्रधनुषी झंडा काफी लोकप्रिय है. शुरुआत में इसमें 8 रंगों का इस्तेमाल किया गया था. बाद में इनकी संख्या घटकर 6 रह गयी थी जिसमें लाल, नारंगी, पीला, हरा, बैगनी और नीला रंग शामिल है. ये रंग जिन्दगी के हर पहलुओं को दर्शाते हैं. बेकार के मुताबिक़ वे इस झंडे के जरिये विविधता को प्रदर्शित करना चाहते थे. इसमें लाल रंग जिन्दगी को, नारंगी रंग उपचार को, पीला रंग सूरज की रोशनी, हरा प्रकृति, नीला रंग मैजिक/आर्ट और बैगनी इंसानी रूह को बयान करती है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को तर्कहीन बताते हुए समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर कर दिया है. इस अवसर पर पूरे देश में समलैंगिक संबंधों का समर्थन करने वाले लोगों के बीच जश्न का माहौल है. विभिन्न फ़िल्मी हस्तियों ने भी इस पर ख़ुशी जताई है. सेलिना जेटली ने ट्विटर पर लिखा है कि एल एलजीबीटी कार्यकर्ता होने के नाते उन्हें 15 सालों से इस दिन का इन्तजार था. इसके लिए उन्हें परिवार और दोस्तों की काफी उपेक्षा भी झेलनी पडी थी. वहीं करण जौहर ने कहाँ है कि यह मानवता और समानाधिकार के लिए बहुत बड़ी बात है…देश को अपनी ऑक्सीजन मिल गयी. दीया मिर्जा और स्वर भास्कर ने भी फैसले पर ख़ुशी जताते हुए सभी कार्यकर्ताओं को बधाई दी है. दरअसल धारा 377 के आधार पर प्रकृति की व्यवस्था के विपरीत यौनाचार के लिए सजा हो सकती थी. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि अब हमें रूढ़िवादी परम्पराओं को भूलना होगा और इसे स्वीकार करना होगा कि यह एक समुदाय विशेष की खासिअत है कोई अपराध नहीं.
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