पेट्रोल-डीजल से लूटने के मामले में कांग्रेस से कितनी अलग है बीजेपी सरकार

Spread the love

अजय कुमार

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों का असर दिखने लगा है. इसका सीधा असर लोगों के घरेलू बजट पर पड़ने लगा है. पटना में अभी इसकी कीमत 81 रुपये के करीब पहुंच चुकी है. वहीं मुंबई में यह करीब 82 रुपये के आसपास है. जबकि बिना टैक्स के इसकी कीमत करीब 39 रुपये होगी. वह भी तब जब कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है. यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कच्चे तेल की यही कीमत 2014 में भी थी. अब सबसे पहले जो बात समझ में आती है, वह यह कि सरकार किसी भी पार्टी की हो, अपना खजाना भ्ररने के लिए जनता को ही दुहती है. कांग्रेस की सरकार द्वारा भी कुछ ऐसी ही प्रणाली अपनायी गयी थी और अब बीजेपी उसी परंपरा को और आगे बढ़ा रही है. क्योंकि अभी तक भारत में बनी किसी भी सरकार ने अपना कोई भी ऐसा सिस्टम नहीं तैयार किया जिससे दूसरे देशों से बिजनेस के सहारे अपने खजाने को प्रभावी रूप से भरा जा सके. अभी ऐसे जो भी उपाय अपनाये जा रहे हैं वे सेंकेंड्री हैं. यानी उन उपायों से भारत को कुछ कमाई होती है, लेकिन वह देश की अर्थव्यवस्था को बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाती है.

इसमें दर्शायी गयी कीमत और टैक्स 4 अप्रैल, 2018 के आधार पर है जबकि अभी वास्तविक कीमत 80 के करीब है. (आंकड़े The Hindu में प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर)
सरकारें इतनी हितैषी हैं तो पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में क्यों नहीं लातीं

अब एक और मुद्दा उठ कर सामने आने लगा है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारें यदि जनता की इतनी ही हितैषी है, तो पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के अंदर क्यों नहीं लाती हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इससे सरकारी खजाने पर काफी बुरा असर पड़ेगा. यहां द हिंदू की वेबसाइट पर छपी रिपोर्ट के जरिये मैं बताना चाह रहा हूं कि किस तरह सरकार खजाना भरने के लिए पेट्रोल पर टैक्स लगाती है. आपको एक और बात बता दूं कि हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत 50 रुपये के करीब है. आप लोगों को जानकर हैरानी होगी कि 2017 में ही सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों से जनता से 4.63 लाख करोड़ टैक्स वसूला है. इसमें से केंद्र सरकार का हिस्सा 2.73 लाख करोड़ है और राज्य सरकार का हिस्सा 1.90 लाख करोड़ है. अब आप ही बताइये कि अगर सरकार जनता से लूट कर ही खजाना भरेगी तो देश की तरक्की क्या खाक होगी. जानकार बताते हैं कि पेट्रोल की कीमतों पर जीएसटी लागू होते ही इसकी कीमतों में प्रभावी कमी आयेगी पर सरकारी खजाने पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

ब्रह्म मुहूर्त में जागते थे श्रीराम, जानें फायदे ( Brahma muhurta ke Fayde) , देखें यह वीडियो


हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें।

Spread the love
READ  मैंने वक्त को बदलते देखा है
© Word To Word 2021 | Powered by Janta Web Solutions ®
%d bloggers like this:
Secured By miniOrange