मिलिये देश की पहली फाइटर एयरक्राफ्ट पायलट से
जून 2016 में इंडियन एयर फ़ोर्स द्वारा ट्रेनी पायलट के लिए पहली बार चुनी गयी तीन लड़कियों में से एक अवनी चतुर्वेदी ने अकेले फाइटर एयरक्राफ्ट से उड़ान भरकर पहली भारतीय महिला होने का गौरव हासिल किया है. उन्होंने इसके लिए आईएएफ के जामनगर बेस से उड़ान भरी और 30 मिनट की इस उड़ान में उन्होंने यह इतिहास रचा. उन्होंने यह सफलता मिग-21 बिसॉन फाइटर जेट को उड़ाकर हासिल की है. यहाँ यह भी जानना जरूरी है कि मिग-21 बिसॉन की लैंडिंग और टेक ऑफ स्पीड दुनिया के किसी भी प्लेन में सबसे अधिकतम 340 किलोमीटर प्रति घंटा है.
अवनी राजस्थान की रहने वाली हैं और उन्होंने वहीं से अपनी बीटेक की पढाई भी की है. उनके साथ चुनी गयीए उनकी दो और साथी भावना कांत और मोहाना सिंह को भी जल्दी ही ऐसी सोलो फाइटर उड़ान के लिए भेजा जाएगा. साथ ही आईएएफ ने फाइटर स्ट्रीम के अगले बैच के लिए तीन और ट्रेनी पायलेट्स को चुन लिया है. आईएएफ की तरफ से इसके बाद जो प्रतिक्रिया आई है उसमें कहा गया है कि वे महिलाओं को भी बराबरी का अधिकार देने को प्रतिबद्ध हैं और ‘नारी शक्ति’ को बढ़ावा देने की जो मुहिम है उसमें आईएएफ कहीं से भी पीछे नहीं है.