दिन बना देगी सेहत की एक प्याली

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सुबह उठते ही एक प्याला बढ़िया चाय मिल जाए तो एक नया जोश, नई उमंग मिल जाती है। चाय पीने से हम तरोताजा तो महसूस करते ही हैं साथ ही आलस्य भाग जाता है। नई चुस्ती-फुर्ती आ जाती है। वैसे चाय न सिर्फ सुबह की जरूरत है, बल्कि दिनभर में कभी भी पीने से यह हमें ताजगी से भर देती है। चाय न केवल एक पेय है, बल्कि यह हमारे देश की संस्कृति का एक अंग है। घर आए मेहमान का स्वागत चाय पिलाकर करना हमारी सभ्यता में शुमार है। भारत समेत कई देशों में चाय पिलाने का रिवाज है। जापान उनमें से एक है, चाय पिलाना उसकी मेहमाननवाजी में शामिल है। वैसे दुनियाभर में भारतीय चाय का कोई सानी नहीं है। भारत में चाय के बागान दुनियाभर में सबसे ज्यादा हैं। आसाम, नीलगिरि पर्वत, दार्जिलिंग आदि चाय के बगानों के लिए मशहूर हैं।

भारत में सैकड़ों किस्मों की चाय पैदा होती है। भारत में दुनिया की सबसे ज्यादा चाय का उत्पादन होने के कारण इसका विदेशों में निर्यात किया जाता है। अतः दुनियाभर में आज भारतीय चाय के चाहने वालों की वृद्धि हो रही है। चाय बनाने के कई तरीके हैं और हर प्रांत में चाय को बनाने की विधि अलग है।
कश्मीर का कहवा हो या बिना दूध की नीबू वाली आइस्ड टी हो या फिर अदरक डालकर बनाई गई चाय हो। जो भी एक बार पीता है, बार-बार पीने का आदी हो जाता है। वैसे चाय पीने से लाभ और हानि दोनों हैं। गले में दर्द हो, बोलने में तकलीफ हो तो झट से एक प्याला गर्म चाय पीजिए, राहत महसूस करेंगे। जब भी चाहें पीजिए और पिलाइए गरमागरमा चाय।

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देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में चाय पीने के शौकीनों की कोई कमी नहीं है। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं, जो चाय को स्वास्थ्य के लिए बुरा मानकर इससे परहेज करते हैं।लेकिन आम तौर पर घर में बनने वाली चाय में से यदि दूध और शक्कर को हटा दिया जाए, तो यह चाय आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होती है।
तो आपके लिए हम बता रहे हैं, चाय से जुड़ी कुछ ऐसी बातें, जिन्हें पढ़ने के बाद शायद आप भी चाय पीना जरूर पसंद करेंगे-

कॉफी के मुकाबले चाय अधिक फायदेमंद होती है, क्योंकि इसे छानकर पिया जाता है, जिससे यह कम नुकसानदायक होती है। जबकि कॉफी को बगैर छाने पी लेने से उसमें मौजूद कैफीन हमारे स्वास्थ्य को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। वहीं एक कप चाय में, एक कप कॉफी के मुकाबले लगभग आधी मात्रा में कैफीन होता है। एक कप कॉफी में कैफीन की मात्रा 100 मिलीग्राम होती है, जबकि 1 कप चाय में 50 मिलीग्राम ही पाई जाती है। इसीलिए एक कप कॉफी के मुकाबले एक कप चाय ज्यादा बेहतर विकल्प है।

बगैर दूध और शक्कर की चाय को आम तौर पर काली चाय कहा जाता है, जो हृदय और पेट के लिए लाभदायक होती है। यह पाचन तंत्र की गड़बड़ी को भी काफी हद तक दूर कर देती है। ग्रीन-टी के रूप चाय, तनाव कम करने से लेकर वजन कम करने में भी प्रभावकारी है। यही नहीं ग्रीन-टी, कैंसर से लड़ने में आपकी मदद करती है,और बढ़ती उम्र के असर को कम करने में भी सहायक होती है। एक शोध के अनुसार चाय पीने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और गर्भ कैंसर अपेक्षाकृत कम होता है, और चाय पीने के बाद उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।

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इसके अलावा लेमन-टी के रूप में चाय का सेवन आपके शरीर से हानिकारक तत्वों को खत्म करता है, और ताजगी बनाए रखता है। नींबू में पाए जाने वाले विटामिन -सी का लाभ भी आपके शरीर को मिलता है।

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