जन्मदिन विशेष: एक थप्पड़ से हुई थी करियर की शुरुआत

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पेशावर (पाकिस्तान) में जन्मे राजकपूर अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के साथ मुंबई आए और यहां उन्होंने अपनी जिंदगी की एक नई शुरुआत की। उनके पिता ने उन्हें मंत्र दिया कि राजू नीचे से शुरुआत करोगे तो ऊपर तक जाओगे। पिता की इस बात को गांठ बांधकर राजकूपर ने 17 साल की उम्र में रंजीत मूवीकॉम और बाम्बे टॉकीज फिल्म प्रोडक्शन कंपनी में स्पॉटब्वॉय का काम शुरू किया। राज कपूर का मन पढ़ाई में कभी नहीं लगा और 10वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी होने से पहले ही उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। आपको बता दें कि मनमौजी राज कपूर ने विद्यार्थी जीवन में अपनी किताबें-कॉपियां बेचकर तरह-तरह के खाने में मौज उड़ाए थे।

राज कपूर का व्यक्तित्व कुछ अलग ही रहा है। उनके फिल्मी करियर की शुरुआत भी उनकी तरह ही निराली है। क्या आपको पता है कि हिंदी सिनेमा में अपनी अलग पहचान बनाने वाले राज कपूर का फिल्मी करियर एक चांटे के साथ शुरू हुआ था। उस वक्त के मशहूर निर्देशकों में शुमार केदार शर्मा की एक फिल्म में क्लैपर ब्वॉय के रूप में काम करते हुए राज कपूर ने एक बार इतनी जोर से क्लैप किया कि फिल्म के हीरो की नकली दाढ़ी क्लैप में फंसकर बाहर आ गई। राज कपूर की इस हरकत पर केदार शर्मा को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने गुस्से में आकर राज कपूर को एक जोरदार थप्पड़ लगा दिया। आगे चलकर केदार शर्मा ने ही अपनी फिल्म ‘नीलकमल’ में राजकपूर को बतौर नायक लिया था।

राज कपूर के बारे में एक और दिलचस्प बात है ये है कि बचपन में राज कपूर सफेद साड़ी पहने हुई एक महिला को देखकर मोहित हो गए थे। उसके बाद से सफेद साड़ी से उनका मोह इतना गहरा हो गया कि उनकी तमाम फिल्मों की अभिनेत्रियां पर्दे पर भी सफेद साड़ी पहने नजर आईं। यहां तक कि घर में उनकी पत्नी कृष्णा हमेशा सफेद साड़ी ही पहना करती थीं।

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