क्या हैं अल्ट्रासॉनिक हथियार
ये भले ही अजीब लगे कि ध्वनि या आवाज कैसे घायल कर सकती है? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल उपज रहा है तो ट्रक या ट्रेन का तेज हॉर्न याद कीजिए. जब जब वह हॉर्न आपके आसपास बजा, आप कुछ पल के लिए तिलमिला से गये होंगे. हॉर्न कोई सॉनिक हथियार नहीं है. अब इसी से अंदाजा लगाइए कि ध्वनि का इस्तेमाल करने वाले सॉनिक हथियार कैसा असर डालते होंगे.
आम तौर पर इंसान 50 से 65 डेसीबल की ध्वनि बड़े आराम से सुनता है. लेकिन अगर ध्वनि की आवृत्ति इससे ज्यादा तेज हो, तो हम असहज होने लगते हैं. जैसे बच्चे के रोने की आवाज. उसकी आवृत्ति करीब 110 डेसीबल होती है. शॉटगन से गोली चलते वक्त 160 डीबी की आवाज होती है. और ये ध्वनियां हमारे कानों में चुभती हैं. ध्वनि के ऐसे ही गुणों का इस्तेमाल कर सायरन बनाये जाते हैं, ताकि लोग आगाह हों.
सॉनिक हथियार ध्वनि की ऐसी आवृत्तियों का इस्तेमाल करते हैं कि इंसान के तंत्रिका तंत्र पर सीधा असर पड़ने लगता है. कुछ सॉनिक हथियारों से मौत भी हो सकती है. हाल ही में क्यूबा की राजधानी हवाना में अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों पर सॉनिक हमला हुआ. टेलीफोन हैंडसेट्स के जरिये उस हमले के चलते कई कर्मचारी घायल हो गये. कुछ का मस्तिष्क घायल हुआ तो कुछ को वर्टिगो की शिकायत होने लगी.