जो बुरे वक्त में काम आये वही मेरा पैगम्बर है | कविता
जितना मेरी आँखो में है बस उतना मंज़र मेरा है, मेरे लोटे में आ जाए बस उतना समंदर मेरा है।
Read moreजितना मेरी आँखो में है बस उतना मंज़र मेरा है, मेरे लोटे में आ जाए बस उतना समंदर मेरा है।
Read moreप्रशान्त आर्यवंशी kprashant1920@gmail.com अब गरीबों से बात कौन करता है ! वो शाह लोग हैं.. मुलाकात कौन करता है
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