सूर्य के प्रकाश के बिना चमकता है यह चंद्रमा, जानिए कैसा है यहां का वातावरण
हमारे चांद की चांदनी के बारे में विज्ञान जगत से लेकर साहित्य तक में कई इबारतें लिखी जा चुकी हैं लेकिन ब्रह्मांड में एक और चांद भी है जल्द ही जिसकी खूबसूरती के चर्चे आम हो सकते हैं. बृहस्पति ग्रह का चांद है यूरोपा. बर्फ और महासागरों से भरे इस चांद के पर्यावरण के बारे में और ज्यादा जानने के लिए वैज्ञानिकों ने लैब में कई एक्सपेरिमेंट किए. जूपिटर यूरोपा की सतह पर भारी मात्रा में हाई-एनर्जी रेडिएशन इजेक्ट करता है. सतह पर टकराने से इनकी वजह से यूरोपा अंधेरे में भी चमकता है जिससे पैदा होता है एक बेहद खूबसूरत नजारा.
🌚☢️ As Europa orbits Jupiter, it withstands relentless pummeling of radiation. But as the particles pound the icy ocean-filled moon’s surface night after night, day after day, they may also be doing something otherworldly: making Europa glow in the dark: https://t.co/LgaUpdVCt3 pic.twitter.com/t7uq4SBtmh
— NASA (@NASA) November 10, 2020
जूपिटर से आने वाले रेडिएशन का यूरोपा पर मौजूद तत्वों पर अलग-अलग असर होता है जिससे अलग-अलग चमक पैदा होती है. कई जगहों पर यह हरा, कहीं नीला तो कहीं सफेद दिखता है और चमक की तीव्रता भी अलग-अलग होती है. वैज्ञानिकों ने स्पेक्ट्रोमीटर की मदद से रोशनी को अलग-अलग वेवलेंथ में बांटा. हर स्पेक्ट्रा के आधार पर बर्फ में मौजूद तत्वों का पता लगाया जा सकता है.
क्या हैं जीवन की संभावनाएं
यूरोपा पर भारी मात्रा में अंदरूनी महासागर है जो सतह पर बर्फ के रूप में आता है. सतह की रिसर्च से वैज्ञानिक नीचे के तत्वों पर गहन रिसर्च कर सकते हैं. खास बात यह रही कि आमतौर पर यह सूरज की रोशनी की मदद से किया जाता है लेकिन नए रिजल्ट्स में यह पता लगाया गया कि अंधेरे में यूरोपा कैसे चमकता है.
वैज्ञानिकों ने पहले के एक्सपेरिमेंट्स के आधार पर पाया है कि यूरोपा की सतह बर्फ, मैग्नीशियम सल्फेट और सोडियम क्लोराइड से बनी हो सकती है. नई रिसर्च में पाया गया है कि यूरोपा जैसी कंडीशन में बर्फ में इन Salts और रेडिएशन की वजह से चमक पैदा होती है. अलग-अलग कंपोजीशन की बर्फ के साथ एक्सपेरिमेंट करने पर चमक भी अलग नजर आई. अब NASA 2020 के दशक में अपना मिशन Europa Clipper भेजने की तैयारी में है. इसकी मदद से यूरोपा की सतह पर रेडिएशन को स्टडी किया जाएगा.
हमारी धरती के चांद और जूपिटर के चांद में फर्क यही है कि हमारा चांद सूरज की रोशनी से चमकता है लेकिन यूरोपा रेडिएशन की वजह से अंधेरे में भी चमकता रहता है.