किसे और कैसे मिलेगा हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड, जानिए इसके फायदे
केंद्र सरकार करीब 11 करोड़ परिवारों को आयुष्मान भारत हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड देने जा रही है. लाभार्थियों को इन कार्ड्स की हैंड डिलीवरी की जाएगी यानी उन्हें ये कार्ड हाथ में सौंपे जाएंगे. इसके लिए गांवों में आयुष्मान पखवाड़ा प्रोग्राम चलाया जाएगा.
क्या होगा कार्ड में
फैमिली कार्ड्स में स्कीम का लाभ पाने वालों के नाम अंकित होंगे, इसके साथ एक लेटर भी होगा जिसमें आयुष्मान स्कीम के सभी फीचर्स की जानकारी होगी. फैमिली कार्ड लाभार्थियों की पहचान प्रक्रिया को आसान बनाने का एक जरिया है. हालांकि इसके लिए अन्य डॉक्यूमेंट्स की भी जरूरत होगी.
आयुष्मान भारत योजना
आयुष्मान भारत स्कीम की घोषणा बजट 2019 के दौरान की गई थी. इस स्कीम के तहत देश के 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपए तक के फ्री हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा दी जाती है. इसमें लगभग सभी गंभीर बीमारियों का इलाज कवर होगा. कोई भी व्यक्ति (विशेष रूप से महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग) इलाज से वंचित न रह जाए, इसके लिए स्कीम में फैमिली साइज और उम्र पर कोई सीमा नहीं लगाई गई है.
50 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य
इस स्कीम में हॉस्पिटलाइजेशन से पहले और बाद के खर्च को भी शामिल किया गया है. हर बार हॉस्पिटलाइजेशन के लिए ट्रांसपोर्टेशन अलाउंस का भी उल्लेख किया गया है, जिसका भुगतान लाभार्थी को किया जाएगा. इलाज देश के किसी भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में कैशलेस इलाज कराया जा सकेगा.
घर तक कैसे पहुंचेगा कार्ड
केंद्र से भेजकर गाव-गांव तक कार्ड बांटने की प्रक्रिया को सरकार ने डॉक विभाग की तरह नियोजित किया है. सभी डाटा सेफ्टी स्टैंडर्ड्स का पालन करते हुए कार्ड एरिया कोड के हिसाब से लाभार्थियों के डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर भेज दिए जाएंगे. उसके बाद लेटर्स ग्राम पंचायत भेजे जाएंगे और फिर इन्हें आयुष्मान पखवाड़ा कार्यक्रम के जरिए हेल्थ वर्कर्स द्वारा लाभार्थी परिवारों तक पहुंचाया जाएगा. आयुष्मान भारत- नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन के अंतर्गत करीब 10.7 करोड़ से ज्यादा कार्ड की प्रिन्टिंग करनी है. इतने अधिक कार्ड बनाने और उन्हें लाभार्थियों के हाथ तक पहुंचाने में करीब दो साल का वक्त लगेगा.