न्यू इन्वेंशन: भूकंप में घर को टूटने नहीं देगा मुड़ने वाला कंक्रीट

Spread the love

भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से घरों को सुरक्षित रखने के लिए अब ऑस्ट्रेलिया की स्विनबर्न यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने तापीय बिजली संयंत्र की राख से मुड़ने वाला कॉन्क्रीट बनाया है. यह इकोफ्रेंडली है. यह भूकंप की स्थिति में बिल्डिंग में दरार आने की संभावना को कम करता है. जापान, इंडोनेशिया और न्यूजीलैंड जैसे देश जहां दुनिया भर में सबसे ज्यादा भूकंप आते हैं, वहां निर्माण कार्यों के लिए इसका इस्तेमाल किया जाएगा. यहां आए दिन छोटे-मोटे भूकंप से इमारतों में दरारें आती रहती हैं. यह कंक्रीट इस समस्या को खत्म करने में मददगार होगा.

रिसर्च टीम ने क्वींसलैंड स्थित ग्लेडस्टोन थर्मल पावर स्टेशन से उपलब्ध राख से तैयार कॉन्क्रीट का भारी वजन से मुड़ते हुए वीडियो जारी किया है. इसे इंजीनियर्ड जिओपॉलीमर कम्पोजिट नाम दिया गया है. रिसर्च टीम का दावा है कि लैब में तैयार यह कॉन्क्रीट सामान्य के मुकाबले 400 गुना तक मुड़ सकता है. इससे तैयार बिल्डिंग, ब्रिज और सुरंगें अधिक सुरक्षित और टिकाऊ बनेंगी.

इको फ्रेंडली भी, सुरक्षित भी

सामान्य कॉन्क्रीट इसलिए टूट जाता है क्योंकि इसमें अत्याधिक ताप पर गर्मकर चूना पत्थर मिलाया जाता है. यह बनते समय भी कॉर्बन डाइऑक्साइड छोड़ता है. थर्मल पॉवर प्लांट में कोयले के साथ यह प्रक्रिया पहले ही हो जाती है. इसलिए कोयले की राख से बना कॉन्क्रीट अधिक टिकाऊ होता है. इसे बनाने में 36% कम ऊर्जा खपत और 76% कम कार्बन डाइ ऑक्साइड उत्सर्जित होती है. राख में शॉर्ट पॉलिमेरिक फाइब्रेस के साथ मानव निर्मित फाइब्रे और सिंथेटिक केमिकल मिलाए गए. इससे कॉन्क्रीट में इंसानी बालों जितनी पतली दरारें बनाईं गई. ये दरारें कॉन्क्रीट के खिंचाव को सहन कर इसे टूटने से बचाती हैं.

ब्रह्म मुहूर्त में जागते थे श्रीराम, जानें फायदे ( Brahma muhurta ke Fayde) , देखें यह वीडियो


हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें।

Spread the love
© Word To Word 2021 | Powered by Janta Web Solutions ®
%d bloggers like this:
Secured By miniOrange