भूत पार्ट वन द हॉन्टेड शिप की पूरी कहानी यहां पढ़िए
भूत का भय एक मनोवैज्ञानिक अवस्था है या वास्तविकता से भी इसका कोई लेना देना है-धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले बनी हॉरर फिल्म भूत पार्ट वन द हॉन्टेड शिप की कहानी इसी आशय के साथ आगे बढ़ती है. फिल्म की शुरुआत कुछ टुकड़े-टुकड़े सीन से होती है जिसका तारतम्य बाद में कहानी से जुड़ता है.
Keep the tune on loop, it's the song of fear! #BhootScares https://t.co/soRg5XfUJt#Bhoot in cinemas 21st Feb.#TheHauntedShip @karanjohar @apoorvamehta18 @bhumipednekar @Bps_91 @ShashankKhaitan @NotSoSnob @DharmaMovies @ZeeStudios_ @ZeeMusicCompany
— Vicky Kaushal (@vickykaushal09) February 10, 2020
क्या है कहानी
बात तब की है जब मुंबई में तट पर एक सी-बर्ड नाम का जहाज रेत में फंस जाता है. यह एक वास्तविक घटना है. उससे पहले शिपयार्ड ऑफिसर पृथ्वी यानी विकी कौशल के निजी जीवन में बड़ा हादसा हो चुका है. उसकी पत्नी (भूमि पेडनेकर) और बेटी की उस हादसे में मौत हो चुकी है. पृथ्वी अपने निजी जीवन से दुखी और परेशान है. इसी बीच सी-बर्ड का रहस्यमय तरीके से समंदर के किनारे फंस जाने और उस जहाज पर होने वाली अजीबोगरीब घटनाओं तथा उसके बारे में मिलने वाली कई रहस्यमयी जानकारियों से वह और भी मनोवैज्ञानिक उलझनों में जकड़ जाता है. एक तो वह अपनी पत्नी और बेटी के मोह से मुक्त नहीं हो पाता, उसकी यादें उसके साथ साया बनकर चलती रहती हैं दूसरे जब उसे पता चलता है कि तमाम गैर-कानूनी गतिविधियों का अड्डा रहे उस सी-बर्ड पर एक लड़की को हॉन्टेड करके रखा गया है तब उसके भीतर और भी जज्बात उमड़ आते हैं. वह उस हॉन्टेड लड़की को किसी भी कीमत पर बचाना चाहता है. आगे क्या होता है, कृपया इसे जानने के लिए पूरी फिल्म देखें.
फिल्म में कहीं कोई श्मशान नहीं है, और ना ही भूत उतारने के लिए इस फिल्म में कोई तांत्रिक है.
पूरी कहानी एक पानी के जहाज पर केंद्रित है. जहां भूत रहता है.आशुतोष राणा का किरदार भूत-प्रेत में यकीन तो करता है लेकिन वह भूत भगाने वाला तांत्रिक नहीं है. वक्त के हिसाब से निर्देशक भानु प्रताप सिंह ने यहां अपनी सूझ-बूझ का परिचय दिया है. लेकिन हॉरर की रचना करने के लिए उन्होंने परंपरागत सिंबल्स के ही ज्यादा इस्तेमाल किये हैं.
फिल्म में विकी कौशल का प्रभावशाली अभिनय है. पूरी फिल्म उन्हीं के कंधे पर टिकी नजर आती है. भूत से मुकाबला करने का उनका जज्बा काबिले तारीफ नज़र आता है.
कुल मिलाकर हॉरर जॉनर की यह फिल्म बहुत निराश नहीं करती. जो लोग हॉरर देखने के शौकीन हैं उन्हें यह फिल्म देखनी चाहिये और जो विकी कौशल के अभिनय के फैन हैं उनको तो यह जरूर देखनी चाहिये. लेकिन राम गोपाल वर्मा के हॉरर से फिलहाल इस फिल्म की तुलना नहीं की जा सकती.
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