क्या है N95 मास्क, जो बचाएगा कोरोना वायरस से

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भारत के कई हिस्सों में कोरोनावायरस को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. कोरोनावायरस से अपने आप को बचाने के लिए लोग कई तरह के नुस्खे आजमा रहे हैं जिनमें से एक है मास्क पहनना.

कोरोनावायरस के फैलने से एशिया के विभिन्न शहरों में मास्क की बिक्री काफी बढ़ गई है. वहीं चीन में इंसानों से लेकर जानवरों तक, सबको मास्क पहनाया जा रहा है. कोरोनावायरस हवा से फैल रहा है और यह लोगों के बीच ट्रांसमिटेड हो रहा है. शोधकर्ताओं का मानना है कि यह वायरस हवा में मौजूद कणों के माध्यम से जानवरों से मनुष्य तक पहुंच रहा है. इसके अलावा सी फूड मार्केट और ऐसे बाजार जहां जानवरों व उनके मांस की बिक्री होती है, उन जगहों पर कोरोनावायरस फैलने की सबसे अधिक संभावना बताई जा रही है.

इसलिए जरूरी है कि हवा के कणों से अपने शरीर को बचाने के लिए नाक और मुंह को अच्छे से ढका जाए. इसके लिए मास्क का उपयोग किया जाता है. लेकिन हर तरह के मास्क आपको सुरक्षित नहीं रखते. इसके लिए अलग तरह के मास्क का इस्तेमाल करना जरूरी है. दरअसल खास दो तरह के मास्क खतरनाक वायरस के आक्रमण से आपको बचा सकते हैं. इनमें से एक है सर्जिकल मास्क जिन्हें डॉक्टर ऑपरेशन करने के दौरान पहनते हैं, और दूसरा N95 मास्क.

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N95 मास्क का ऐसे करें इस्तेमाल

N95 ऐसा खास मास्क है जो वायरस से लोगों की काफी हद तक सुरक्षा करता है. शोधकर्ताओं की मानें तो यह मास्क 95 फीसदी तक हवा में मौजूद कणों को शरीर के अंदर घुसने से रोकता है. यह नाक और मुंह को बहुत अच्छे से कवर करता है लेकिन काफी सख्त होने की वजह से इस मास्क को पहनने के बाद सांस लेने में थोड़ी दिक्कत होती है. खासकर बच्चों के लिए यह अच्छा नहीं है. इसे पहनने के बाद सांस लेने की प्रक्रिया में बच्चों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है. चीन में भयानक रूप से फैले कोरोनावायरस को देखते हुए लोगों को भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से रोका जा रहा है. WHO की तरफ से घरों और उनके आसपास के इलाकों को साफ सुथरा रखने की हिदायत दी गई है. साथ ही बच्चों के हाईजीन पर ज्यादा ध्यान देने को कहा गया है.

सर्जिकल मास्क को कुछ इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि हवा में मौजूद लिक्विड ड्रॉपलेट्स को यह आसानी से रोक लेता है. सिर्फ इतना ही नहीं दो लोगों के बीच वायरस के आदान-प्रदान को भी यह रोकता है लेकिन यह मास्क भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है क्योंकि यह मुंह और नाक को पूरी तरह से सील नहीं कर पाता. हवा में मौजूद बारीक कण इसके अंदर आसानी से प्रवेश कर सकते हैं. हालांकि WHO ने हेल्थ यूनिट में काम करने वाले सभी कर्मियों को इस मास्क को पहनने के सख्त निर्देश दिए हैं. खासतौर पर उन चिकित्सकों को जो वायरस से पीड़ित लोगों का इलाज कर रहे हैं.

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सिर्फ इतना ही नहीं इस मास्क के साथ साथ उन्हें ग्लव्स, चश्मा और गाउन पहनने को भी कहा गया है. WHO की मानें तो सर्जिकल मास्क अस्पतालों में अच्छी तरह काम करता है. साथ ही शरीर को कई तरह के संक्रमण से भी बचाता है. हालांकि इस मास्क का एक बार से ज्यादा प्रयोग नहीं किया जा सकता.

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