त्योहार के दौरान गंगा में मूर्ति विसर्जन पर लगेगा इतना जुर्माना

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अब दशहरा, दिवाली, छठ और सरस्वती पूजा सहित त्यौहारों के दौरान गंगा या उसकी सहायक नदियों में मूर्तियों के विसर्जन पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगेगा. 11 गंगा बेसिन राज्यों में मुख्य सचिवों को नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG) द्वारा निर्देश जारी किया गया है. इस मुद्दे पर NMCG और राज्यों के बीच बैठक हुई थी.

उत्तराखंड, यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के अलावा यह निर्देश दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा और राजस्थान के लिए जारी किया गया है.

पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 की धारा 5 के तहत जारी निर्देश में कहा गया है गंगा में मूर्ति विसर्जन के लिए नदी तट और घाटों पर 50,000 रुपये का जुर्माना होगा. इस मामले में प्रत्येक त्योहार के अंत से सात दिनों के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट जारी की जाएगी.

दरअसल गणेश चतुर्थी, विश्वकर्मा पूजा, दुर्गा पूजा, दिवाली, छठ पूजा और सरस्वती पूजा जैसे उत्सवों के दौरान गंगा और उसकी सहायक नदियों में बड़े पैमाने पर मूर्तियों और पूजा सामग्री का विसर्जन होता है, जिससे खतरनाक स्थिति पैदा हो गई है.

2014 में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय नदी गंगा के प्रदूषण, संरक्षण और कायाकल्प के प्रभावी उन्मूलन के दोहरे उद्देश्यों को पूरा करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ एक प्रमुख पहल नमामि गंगे शुरू की थी. 2017 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गंगा में किसी भी कचरे के निपटान पर प्रतिबंध लगा दिया.

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