गेंदे के फूल के ये चमत्कारिक उपयोग जानकर उन्हें फेंकना भूल जायेंगे
गर्मियों में खिलने वाले गेंदे के फूल की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह कई दिनों तक ताजा बना रहता है और इसकी सुगंध भी लंबे वक्त तक बनी रहती है. सजावट से लेकर गेंदे के फूल का इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है. गेंदे के फूल में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो दर्द में आराम दिलाने का काम करते हैं. घाव भरने में भी ये कारगर औषधि की तरह प्रभावी है. अगर किसी को अल्सर की समस्या है तो गेंदे के फूल की चाय पीना उसके लिए विशेषतौर पर फायदेमंद रहेगा. अक्सर पूजा या फंक्शन के दौरान सजावट के लिए सबसे ज्यादा गेंदे के फूलों का इस्तेमाल ही किया जाता है. फंक्शन खत्म होने के बाद लोग इन फूलों को फेंक देते हैं. लेकिन इनका कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है. जानिये इसके चमत्कारिक फायदे-
गेंदे के फूल को गरीबों का केसर भी कहा जाता है. गेंदे के फूल का इस्तेमाल रंजक के रूप में भी किया जाता है.
गेंदे के फूल का इस्तेमाल एंटी-बायोटीक के रूप में किया जाता है. गेंदे के फूल में कई ऐसे एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं. जो आंखों से जुड़ी कई तरह की बीमारियों में फायदेमंद साबित होते हैं.
गेंदे का फूल एक बेहतरीन सौंदर्य उत्पाद है. ये त्वचा को लंबे समय तक जवान बनाए रखता है.
गेंदे के फूल में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो अल्सर और घाव को ठीक करने में मददगार होते हैं.
गेंदे के फूल का इस्तेमाल इत्र बनाने में भी किया जाता है.
गेंदे के फूल से नेचुरल कलर भी तैयार किया जाता है.
गेंदे के पत्तों के 20-30 mL काढ़े को कुछ दिनों तक दिन में दो बार सेवन करने से पथरी गलकर निकल जाती है.
गेंदे के फूल हानिकारक कीटाणुओं और कीड़ों को दूर रखते है. इसे लगाने से मलेरिया पैदा करने वाले मच्छर भी भाग जाते है.
इसकी पत्ती का रस कान में डालने से कान का दर्द दूर हो जाता है. तेल गर्म कर उसमे दो तीन गेंदे की पत्तियाँ, अजवाइन और लहसुन डालकर छान ले. यह तेल कान में डालने से दर्द चला जाता है.
गेंदा के फूलों का रस नारियल तेल के साथ मिलाकर उससे हल्की-हल्की मालिश करके नहा लिया जाए तो सिर में हुए किसी भी तरह के संक्रमण, फोड़े- फुंसियों में आराम मिल जाता है.
गेंदे के फूल की डण्डी का चूर्ण 10 ग्राम दही के साथ सेवन करने से दमें और खांसी में लाभ होता है.
खूनी बवासीर में गेंदे के फूलों का 5-10 ग्राम रस दिन में 2-3 बार सेवन करना बहुत ही लाभकारी होता है. गेंदे के पत्तों का रस निकालकर पीने से बवासीर में बहने वाला रक्त तुरन्त बंद हो जाता है.
रक्तप्रदर या ओवर ब्लीडिंग में गेंदे के फूलों का रस 5-10 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से लाभ मिलता है. इसके फूलों के 20 ग्राम चूर्ण को 10 ग्राम घी में भूनकर सेवन करने से लाभ होता है.
गेंदे के पत्तों को पीसकर टिकियां बना लें फिर आंखों की पलकों को बंद करके इसे पलको के ऊपर रखे इससे आंखों का दर्द दूर हो जाएगा.
गेंदे के पंचाग (जड़, पत्ता, तना, फूल और फल) का रस निकालकर चोट, मोच, सूजन पर लगाएं व मालिश करें. इससे लाभ मिलता है.
मेरीगोल्ड के पत्ते के काढ़े से कुल्ला करें इससे दांतों के दर्द में तुरन्त आराम मिलेगा.
गेंदे के फूलों का रस 1 से 2 ग्राम की मात्रा में प्रयोग करने से बुखार में लाभ मिलता है.
मेरीगोल्ड के पत्तों को मैदा या सूजी के साथ मिलाकर पीठ के फोड़े, विषाक्त फोड़े, सिर के फोड़े और गांठ पर लगाने से फोड़ा ठीक हो जाता है.
10 ग्राम गेंदे के पत्तों को पीसकर उसके रस में मिश्री मिलाकर दिन में 3 बार पीने से रुका हुआ पेशाब खुलकर आ जाता है.
दाद होने पर गेंदे के फूलों का रस निकालकर 2-3 बार रोज लगाने से लाभ होता है.
गेदें के पत्तों को पीसकर 2-3 बार लगाने से फोड़े, फुंसियों तथा घाव में लाभ मिलता है. गेंदा के फूलों को पीसकर घाव पर लगाने से फायदा मिलता है.
सर्दियों में हाथ पैर फटने पर गेंदे के पत्तों का रस वैसलीन में मिलाकर 2-3 बार लगाने से लाभ मिलता है.