न्यू इन्वेंशन : कार्बन डाईऑक्साइड से बनेगा इंधन
ग्रीन हाउस गैसों को कम करने की दिशा में एक बड़ी खोज की गयी है. इससे इन गैसों को दोबारा इस्तेमाल कर तरल ईंधन में बदला जा सकेगा. इसके लिए इस्तेमाल किए जाने वाला इलेक्ट्रोलाइजर पूरी तरह रिन्यूएबल बिजली से ही काम करता है. वैज्ञानिकों ने एक ऐसा कैटेलिक रिएक्टर बनाया है जो कार्बन डाई ऑक्साइड का इस्तेमाल कर उसे प्योर और गाढ़े फॉर्मिक एसिड में बदल देगा. अभी तक फॉर्मिक एसिड जिस तरह से बनाया जाता था उसमें इसे साफ करने के लिए बहुत ही महंगे और अत्यधिक ऊर्जा की खपत वाले तरीके का इस्तेमाल होता था. जिससे यह बेहद महंगा हो जाता था.
इस प्रयोग के बाद अब सीधे ही कार्बन डाई ऑक्साइड को प्योर और गाढ़े फार्मिक एसिड में बदलने से इसके व्यावसायिक प्रयोग को भी बढ़ावा मिल सकेगा.
क्या उपयोग है फॉर्मिक एसिड का
फॉर्मिक एसिड को ईंधन के तौर पर इस्तेमाल करके बिजली पैदा की जाती है, जिससे कार्बन डाई ऑक्साइड उत्पन्न होती है. इस कार्बन डाई ऑक्साइड का फिर रिसायकिल करके फॉर्मिक एसिड में बदल दिया जाएगा. फॉर्मिक एसिड का इस्तेमाल केमिकल इंडस्ट्री में अन्य केमिकल के लिए फीडस्टॉक के तौर पर भी इस्तेमाल होता है. साथ ही यह हाइड्रोजन के लिए स्टोरेज मटेरियल के तौर पर भी इस्तेमाल होता है.
इसमें हाइड्रोजन को स्टोर करके कम मात्रा से भी अधिक ऊर्जा हासिल की जा सकती है. फॉर्मिक एसिड में स्टोर की गई एक घनमीटर हाइड्रोजन में सामान्य मात्रा में इतनी ही हाइड्रोजन के मुकाबले एक हजार गुना अधिक ऊर्जा होती है. हाइड्रोजन को कंप्रेस करना बहुत ही मुश्किल होता है, लेकिन इस तरीके से हाइड्रोजन से अधिक ऊर्जा मिल सकेगी.